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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palपहला पन्ना एक पहला पन्ना नहीं बल्कि एक किताब है। जिसमें मेरा और आपका नहीं हम सबका यथार्थ ख्वाब है।
यह किताब सिर्फ और सिर्फ एक किताब नहीं बल्कि संस्कृति, भाषा, प्रेम, समाज, लोग, विचार, देश, समस्या का एक बेजोड़ आवाज है। यह ऐसी भावना है जो मिट्टी के असली महक को नकली लोग के सामने लाकर उन्हें आकर्षित करती है।
यह एक अमिट सोच का संग्रह है जिस पर युवा टिका हुआ है। इस संग्रह में उस गली कि चीख और आहें भी सुनाई देगी जो आज भी अनजान हैं। उन अरबों जनता का आवाज है यह किताब जो जिनकी आवाज़ बनने में आम आदमी डरता है। इस संकलन के माध्यम से आलोक रंजन द्वारा रचित श्रेष्ठ रचनाओं को शामिल किया गया है। किताब में आपको कई तरह के दृश्य मिलेंगे प्रगतिशील, मानवतावादी, देशप्रेम, प्रेरक दृष्टि से पूर्ण कविताएं मिलेंगी जो मानव और युवाओं को विकसित होने के लिए मजबूर कर देगी।
आलोक रंजन
हिन्दुस्तान के नए सितारे साहित्यकार आलोक रंजन का जन्म 15 अगस्त 2003 को कैमूर के सिरसी गांव में हुआ।बचपन से ही इनकी साहित्य और विज्ञान के प्रति गहरी रूचि है। इन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा विज्ञान से किया। यह राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में लागातार तीन बार संभाग स्तर पर चयनित भी हो चुके हैं।इनके पिता का नाम राजवंश राम और माता का नाम संगीता देवी है।जो पेशे से एक शिक्षक हैं।लिखना 2015 में शुरू किया, शुरू में सिर्फ कविताएं लिखते थे।अब कविता व कहानी के साथ शायरी व लेेख भी लिखते हैं।ये हजार से अधिक अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय अखबारों एवं पत्रिकाओं के लिए भी लिख चुके हैं।इनके कई सांझा संग्रह किताब भी प्रकाशित हो चुके हैं। बहुत जल्द ही इनकी दुसरी खुद कि काव्य संग्रह आने वाली है। ये अपने के माध्यम से प्रगतिशील एवं मानवतावादी दृष्टि से पूर्ण उनकी कविताएं और शायरी ने भारतीय जनचेतना को सर्वाधिक प्रभावित किया।आज भी पुरे दिल से साहित्य सेवा कर रहे हैं। अभी आलोक दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। मुख्य बात यह है कि इनके स्नातक का विषय भी हिन्दी ही है। इनके रचना को कई बड़े साहित्यकार व कलाकारों ने सराहा है। आज अपने लेखन के माध्यम से अपने देश में ही नहीं बल्कि पुरे विश्व में नाम कमा रहे हैैं।
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