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PREM-VIVAH / प्रेम-विवाह

Author Name: Ram Pratap Singh | Format: Paperback | Genre : Literature & Fiction | Other Details

इस  उपन्यास में प्रेम-विवाह के  विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते  हुए गंभीरता से विश्लेषण किया गया है | उन सभी तथ्यों पर प्रकाश डाला गया है जो प्रेम विवाह में सहायक होते हैं |इसके अलावा उन दुष्परिणामों पर भी ध्यान आकर्षित किया गया है जो प्रेम विवाह से पैदा होते हैं  | किशोरावस्था व युवास्था में मनुष्य के शरीर में होने वाले शारीरिक और मानसिक बदलाव का मनोवैज्ञानिक तरीके से विश्लेषण किया गया है |

 मुस्लिम युवकों द्वारा हिन्दू लड़कियों को अपने प्रेम जाल में फँसाने वाले “लव जिहाद “ का  बखूबी वर्णन है| लव जिहाद के कारण ,परिणाम और बचने के तौर तरीकों पर भी प्रकाश डाला गया है |  दार्शनिक और सामाजिक दृष्टिकोण को भी दर्शाया गया है |

इस उपन्यास में तीन कहानियों के पात्रों के माध्यम से  किशोर युवक और युवतियों के जीवन में आने वाली चुनौतियों ,उनसे रूबरू होने के तरीकों ,उनके  साहस , लक्ष्य हासिल करने की जिद, जीवन के उतार-चढ़ाव , मानवीय संवेदनाओं , प्रेम व रोमांच का सजीव चित्रण किया गया  है  यह भारत के आम युवक युवतियों  की कहानी है जो  जीवन की राहों मे भटक जाते हैं और, आशा , निराशा , प्रेम  और संघर्ष से जूझते रहते हैं | | यह उपन्यास अभिभावकों और युवक युवतियों के लिए प्रेरणा स्रोत है | लेखक से पत्र व्यवहार का पता –Email : rps1959@gmail.com Mobile No 91-7000153809. 

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राम प्रताप सिंह

राम प्रताप सिंह भारतीय सेना, मैकनाइज्ड इनफेन्ट्री रेजीमेंट व सीमा सुरक्षा बल में एक सैन्य  अधिकारी थे | उन्हे सैन्य सेवा का 36 वर्षों का अनुभव है| उन्होंने भारत-पाकिस्तान सीमा, भारत-बांग्लादेश सीमा और भारत-चीन सीमा पर अपनी सेवाएं दी है | उन्होंने अंग्रेजी साहित्य, विधि,मानव अधिकार, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, सायबर लॉ , लेबर लॉ में मास्टर्स डिग्री व डिप्लोमा हासिल किया है | सैन्य सेवा से मुक्त होने के बाद वे सूर्या स्टील कंपनी में प्रशासनिक और सुरक्षा अधिकारी  भी रहे |इसके अलावा उन्होंने  वकालत का पेशा भी अपनाया | अब वे अपना पूरा समय लेखन और पठन पाठन में देते हैं  प्रेम–विवाह  उनका बारहवाँ  उपन्यास है | लेखक से पत्र व्यवहार का पता –Email  : rps1959@gmail.com Mobile No 91-7000153809. 

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