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Punarnirman (RENEW) samasya samadhan aur rashtra nirman ki yojana / पुनर्निर्माण (RENEW) - समस्या, समाधान और राष्ट्र निर्माण की योजना

Author Name: Lava Kush Singh "vishwmanav" | Format: Paperback | Genre : Educational & Professional | Other Details

विषय- सूची

प्रारम्भ के पहले दिव्य-दृष्टि

भाग-1 : आर्थिक स्वतन्त्रता की यात्रा
मजदूरी, वेतन, भत्ते और मानदेय, प्रोत्साहन, सौदागर, अभिकर्ता, विशेषाधिकार, दलाली का अर्थ
रायल्टी-अर्थ और प्रकार, ईश्वर और पुनर्जन्म
क्या आपको वस्तु खरीदने पर कम्पनी रायल्टी देती है जबकि कम्पनी आपके कारण हैं?
विपणन प्रणाली
3-एफ (3-F : Fuel-Fire-Fuel) विपणन प्रणाली

भाग-2 : समस्या

भाग-3 : समाधान
समष्टि (संयुक्त) समाधान
व्यष्टि (व्यक्तिगत) समाधान

भाग-4 : पुनर्निर्माण - सत्य शिक्षा का राष्ट्रीय तीव्र मार्ग
पुनर्निर्माण क्यों?
ये पाठ्यक्रम क्या है?
  अ-सामान्यीकरण (Generalization) शिक्षा 
  01. सत्य शिक्षा (REAL EDUCATION)
  02. सत्य पेशा (REAL PROFESSION)
  03. सत्य पुस्तक (REAL BOOK)
  04. सत्य स्थिति (REAL STATUS)
  05. सत्य एस्टेट एजेन्ट (REAL ESTATE AGENT)
  06. सत्य किसान (REAL KISAN)
  ब-विशेषीकरण (Specialization) शिक्षा
  01. सत्य कौशल (REAL SKILL)
  02. डिजीटल कोचिंग (DIGITAL COACHING)
स-सत्य नेटवर्क (REAL NETWORK)

भाग-5 : डिजिटल सत्य नेटवर्क
01. ग्राम नेटवर्क
02. वार्ड नेटवर्क
03. एन.जी.ओ/ट्रस्ट नेटवर्क
04. विश्वमानक मानव नेटवर्क
05. नेतृत्व नेटवर्क
06. जर्नलिस्ट नेटवर्क
07. शिक्षक नेटवर्क
08. शैक्षिक संस्थान नेटवर्क
09. लेखक-ग्रन्थकार-रचयिता नेटवर्क
10. गायक नेटवर्क
11. खिलाड़ी नेटवर्क
12. पुस्तक विक्रेता नेटवर्क
13. होटल और आहार गृह नेटवर्क

भाग-6 : डिजिटल प्रापर्टी और एजेन्ट नेटवर्क 

भाग-7 : पुनर्निर्माण के प्रेरक
1.मण्डल प्रेरक
2.जिला प्रेरक
3.”विश्वशास्त्र“ मन्दिर
4.ब्राण्ड फ्रैन्चाइजी
5.डाक क्षेत्र प्रवेश केन्द्र
6.ग्राम/नगर वार्ड प्रेरक
7.स्वतन्त्र प्रेरक

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लव कुश सिंह “विश्वमानव”

कल्कि महाअवतार के रूप में स्वयं को प्रकट करते श्री लव कुश सिंह “विश्वमानव” द्वारा प्रकटीकृत ज्ञान-कर्मज्ञान न तो किसी के मार्गदर्शन से है और न ही शैक्षिक विषय के रूप में उनका विषय रहा है। न तो वे किसी पद पर कभी सेवारत रहे, न ही किसी राजनीतिक-धार्मिक संस्था के सदस्य रहे। एक नागरिक का अपने विश्व-राष्ट्र के प्रति कत्र्तव्य के वे सर्वोच्च उदाहरण हैं। साथ ही राष्ट्रीय बौद्धिक क्षमता के प्रतीक हैं।

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