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Rama Ravan aur Sarvabhaum Ekatma / राम, रावण और सार्वभौम एकात्म

Author Name: Lava Kush Singh "vishwmanav" | Format: Paperback | Genre : Educational & Professional | Other Details

विषय- सूची

भाग-1 : रामायण

भाग-2 : राम

भाग-3 : रावण

भाग-4 : लव और कुश
लव और कुश (त्रेता युग)
लव कुश द्वारा प्रस्तुत रामायण
“लव कुश” नाम की स्थिति
लव कुश पर आधारित निर्मित सिनेमा
लव-कुश जन्म भूमि

भाग-5 : सार्वभौम एकात्म
सांख्य दर्शन
धर्म विज्ञान (स्वामी विवेकानन्द)
आत्मा और विश्वात्मा
   1. रज मन
   2. तम मन 
   3. सत्व मन  
   क. निवृत्ति मार्गी 
   ख. प्रवृत्ति मार्गी 
अवतारी मन
विकासवाद
अवतारवाद
स्वामी विवेकानन्द
स्वामी विवेकानन्द की वाणीयाँ जो सत्य हुईं - व्यक्तिगत जीवन के सम्बन्ध में
स्वामी विवेकानन्द की वाणीयाँ जो सत्य हुईं - सामाजिक जीवन के सम्बन्ध में
विश्वमानव : “वेदान्त की व्यावहारिकता”, “विश्वधर्म” और दर्शन
श्रीकृष्ण
बुड्ढा कृष्ण : कृष्ण का भाग-दो और अन्तिम
रावण
भोगेश्वर : रावण का भाग-दो और अन्तिम

भाग-6 : लव कुश सिंह “विश्वमानव
सार्वभौम सत्य-सिद्धान्त अनुसार “रामायण”
ऋषि और लव कुश सिंह “विश्वमानव”
विद्रोही या सार्वजनिक प्रमाणित कृष्णकला समाहित विश्वमानव कला
जन्म
लव कुश सिंह “विश्वमानव”
समाज रचना और व्यापार का आधार
सृष्टि, ईश्वरीय समाज और व्यापार
विश्व सरकार के लिए पुन: भारत द्वारा शून्य आधारित अन्तिम आविष्कार
सार्वभौम सत्य-सिद्धान्त के अनुसार काल, युग बोध एवं अवतार
“सम्पूर्ण मानक” का विकास भारतीय आध्यात्म-दर्शन का मूल और अन्तिम लक्ष्य

भाग-7 : पाँचवाँयुग : सत्ययुग/स्वर्णयुग
सन् 2015 ई0 - सन् 2019 ई0
वर्ष 2020 ई0 का खगोलिय सन्देश
वर्ष 2020 ई0 का प्राकृतिक सन्देश
वर्ष 2020 ई0 का सार्वभौम सन्देश
वर्ष 2020 ई0 का अवतारी सन्देश

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लव कुश सिंह “विश्वमानव”

कल्कि महाअवतार के रूप में स्वयं को प्रकट करते श्री लव कुश सिंह “विश्वमानव” द्वारा प्रकटीकृत ज्ञान-कर्मज्ञान न तो किसी के मार्गदर्शन से है और न ही शैक्षिक विषय के रूप में उनका विषय रहा है। न तो वे किसी पद पर कभी सेवारत रहे, न ही किसी राजनीतिक-धार्मिक संस्था के सदस्य रहे। एक नागरिक का अपने विश्व-राष्ट्र के प्रति कत्र्तव्य के वे सर्वोच्च उदाहरण हैं। साथ ही राष्ट्रीय बौद्धिक क्षमता के प्रतीक हैं।

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