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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palशाही इतिहास का एक हिस्सा इतिहासकारों द्वारा पूरी तरह भुला दिया गया है। उपन्यास के रूप में यह पुस्तक भारत के शाही इतिहास की वास्तविक और बड़ी घटनाओं को उजागर करती है जो अधिक ध्यान और सम्मान के पात्र थी।
यह पुस्तक लगभग ११वीं शताब्दी की है जिसके दौरान गजनवी ने भारत पर आक्रमण किया और अफगानों का आतंक अपने चरम पर था। यादव वंश आक्रमणकारियों के खिलाफ बहादुरी से खड़ा हुआ और अफगानों के साथ कई लड़ाइयां लड़ीं। युद्ध के समय रणनीति, बहादुरी और अच्छे संचार के महत्व के हर पहलू में "कनावर की लड़ाई" महान युद्धों में से एक महान उदाहरण है। यादव वंश द्वारा दिखाए गए संघर्ष, बहादुरी और बलिदान ने उस समय भारत में स्थापित सभी शाही राजवंशों के लिए एक मानक स्थापित किया था।
'रण-कनावर' कहानी रोमांच, भावनाओं, युद्ध की रणनीतियों, साजिशों, कूटनीति, बहादुरी और बलिदान से भरी है। इस कहानी का क्लाइमेक्स आपको एक युद्ध के माध्यम से जीवन की यात्रा पर ले जाएगा।
कुश कौशिक
कुश कौशिक भारत में हिंदी भाषा के सबसे युवा लेखकों में से एक हैं। इतिहास में उनकी रुचि उन्हें एक ऊर्जावान लेखक में बदल देती है। उनकी कविताएँ शानदार और प्रशंसनीय हैं। उनके पहले उपन्यास 'रण-कनावर' ने कुश को हिंदी साहित्य के क्षेत्र में एक युवा और ऊर्जावान लेखक के रूप में स्थापित किया। उनकी लेखन की कला उनके उपन्यास को रोमांचकारी बनाती है।
कुश रॉयल्स की भूमि (राजस्थान) के हैं और वह किलों की गलियों में पले-बढ़े हैं। वह किलों और उनकी शाही संस्कृति से बहुत प्रभावित हुए हैं। उन्होंने देखा कि इतिहास के कुछ महत्वपूर्ण हिस्सों को इतिहासकार भूल चुके हैं। वह हमारे शाही इतिहास की ऐसी सभी भूली-बिसरी घटनाओं को पूरी दुनिया के सामने लाने के मिशन पर हैं।
वह कहते हैं, "जो अतीत के बारे में नहीं जानता, वह भविष्य को सुरक्षित नहीं कर सकता"।
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