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RIshi, RIshi Parampara aur kalki mahavatar / ऋषि, ऋषि परम्परा और कल्कि महावतार

Author Name: Lava Kush Singh "vishwmanav" | Format: Paperback | Genre : Educational & Professional | Other Details

विषय- सूची


भाग-1 : मानव सभ्यता का विकास और जाति की उत्पत्ति


वंश
अ. पौराणिक वंश 
   1. मनुर्भरत वंश की प्रियव्रत शाखा 
    2. मनुर्भरत वंश की उत्तानपाद शाखा 
ब. ऐतिहासिक वंश
   1. ब्रह्म वंश
  2. सूर्य वंश 
    3. चन्द्र वंश 
स. भविष्य के वंश
गोत्र
 वसुधैव कुटुम्बकम्
आर्य 
विज्ञान ने भी आर्य द्रविड़ के भेद को नकारा
जेनेटिक हिस्ट्री आफ साउथ एशिया 
कैब्रिज के डा0 कीवीसील्ड ने किया शोध निर्देशन
 माइटोकांड्रियल डीएनए में छुपा है पुरखों का इतिहास 
 एक वंशवृक्ष से जुड़े है सभी भारतीय 


भाग-2 : ऋषि और ऋषि परम्परा 


ऋषि
वेद
उपनिषद्
ऋषि परम्परा
स्वामी विवेकानन्द की दृष्टि में
 वेद
 वेदान्त
 ईश्वर
 गुरु, शिष्य, अवतार और मन्त्र
भाग-3 : कल्कि अवतार


काल और युग परिवर्तक कल्कि अवतार
कल्कि अवतार, महाअवतार क्यों?
कल्कि महाअवतार एवं अन्य स्वघोषित कल्कि अवतार


भाग-4 : ऋषि और कल्कि अवतार

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लव कुश सिंह “विश्वमानव”

कल्कि महाअवतार के रूप में स्वयं को प्रकट करते श्री लव कुश सिंह “विश्वमानव” द्वारा प्रकटीकृत ज्ञान-कर्मज्ञान न तो किसी के मार्गदर्शन से है और न ही शैक्षिक विषय के रूप में उनका विषय रहा है। न तो वे किसी पद पर कभी सेवारत रहे, न ही किसी राजनीतिक-धार्मिक संस्था के सदस्य रहे। एक नागरिक का अपने विश्व-राष्ट्र के प्रति कत्र्तव्य के वे सर्वोच्च उदाहरण हैं। साथ ही राष्ट्रीय बौद्धिक क्षमता के प्रतीक हैं।

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