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Vivek SreedharAuthor of Ketchup & Curryविषय- सूची
भाग-1: धर्म प्रवर्तक और उनका धर्म चक्र
धर्म ज्ञान का प्रारम्भ
01. वैदिक धर्म-ऋषि-मुनि गण-ईसापूर्व 6000-2500
सत्ययुग के धर्म
02. ब्राह्मण धर्म-ब्राह्मण गण-ईसापूर्व 6000-2500
त्रेतायुग के धर्म
03. वैदिक धर्म-श्रीराम-ईसापूर्व 6000-2500
द्वापरयुग के धर्म
04. वेदान्त अद्वैत धर्म-श्रीकृष्ण-ईसापूर्व 3000
कलियुग के धर्म
05. यहूदी धर्म,
06 .पारसी धर्म-जरथ्रुस्ट-ईसापूर्व 1700
07. बौद्ध धर्म-भगवान बुद्ध-ईसापूर्व 1567-487
08. कन्फ्यूसी धर्म-कन्फ्यूसियश-ईसापूर्व 551-479
09. टोईज्म धर्म-लोओत्से-ईसापूर्व 604-518
10. जैन धर्म-भगवान महावीर-ईसापूर्व 539-467
11. ईसाइ धर्म-ईसा मसीह-सन् 33 ई0
12. इस्लाम धर्म-मुहम्मद पैगम्बर-सन् 670 ई0
13. सिक्ख धर्म-गुरु नानक-सन् 1510 ई0
धर्म ज्ञान का अन्त
स्वर्णयुग धर्म
14.विश्व/सत्य/धर्मनिरपेक्ष/लोकतन्त्र धर्म-लव कुश सिंह ”विश्वमानव“-सन् 2012 ई0
भाग-2: धर्म
01. धर्म का अर्थ, धर्म और रिलिजन
02. धर्म की परिभाषा, तत्व चिंतन और आवश्यकता
03. धर्म एवं दर्शन, धर्मदर्शन, विज्ञान, नैतिकता
04. धर्म में वस्तु तत्व एवं प्रतीक
05. धर्मसमभाव की अवधारणा और विश्वधर्म का आधार
लव कुश सिंह “विश्वमानव”
कल्कि महाअवतार के रूप में स्वयं को प्रकट करते श्री लव कुश सिंह “विश्वमानव” द्वारा प्रकटीकृत ज्ञान-कर्मज्ञान न तो किसी के मार्गदर्शन से है और न ही शैक्षिक विषय के रूप में उनका विषय रहा है। न तो वे किसी पद पर कभी सेवारत रहे, न ही किसी राजनीतिक-धार्मिक संस्था के सदस्य रहे। एक नागरिक का अपने विश्व-राष्ट्र के प्रति कत्र्तव्य के वे सर्वोच्च उदाहरण हैं। साथ ही राष्ट्रीय बौद्धिक क्षमता के प्रतीक हैं।
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