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Visit the bookstore"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palविषय- सूची
भाग-1: काशी (सत्व)
भाग-2 : जीवनदायिनी सत्यकाशी (तम)
भाग-3 : सत्यकाशी : दृश्य काल के प्रथम और अन्तिम युग का तीर्थ
सत्यकाशी क्षेत्र से व्यक्त हुये मुख्य विषय
व्यक्ति, एक विचार और अरबों रूपये का व्यापार
सत्यकाशी महायोजना
01. चार शंकराचार्य पीठ के उपरान्त 5वाँ और अन्तिम पीठ “सत्यकाशी पीठ”।
02. “सत्यकाशी महोत्सव” व “सत्यकाशी गंगा महोत्सव” आयोजन।
03. सार्वभौम देवी माँ कल्कि देवी मन्दिर-माँ वैष्णों देवी की साकार रूप
04. भोगेश्वर नाथ-13वाँ और अन्तिम ज्योतिर्लिंग
05. सत्यकाशी पंचदर्शन
06. ज्ञान आधारित मनु-मनवन्तर मन्दिर
07. ज्ञान आधारित विश्वात्मा मन्दिर
08. विश्वधर्म मन्दिर-धर्म के व्यावहारिक अनुभव का मन्दिर
09. नाग मन्दिर
10. विश्वशास्त्र मन्दिर (Vishwshastra Temple)
11. एक दिव्य नगर-सत्यकाशी नगर
12. होटल शिवलिंगम्-शिवत्व का एहसास
13. इन्द्रलोक-ओपेन एयर थियेटर
14. हस्तिनापुर-महाभारत का लाइट एण्ड साउण्ड प्रोग्राम
15. सत्य-धर्म-ज्ञान केन्द्र: तारामण्डल की भाँति शो द्वारा कम समय में पूर्ण ज्ञान
16. सत्यकाशी आध्यात्म पार्क
17. वंश नगर-मनु से मानव तक के वंश पर आधारित नगर
18. 8वें सांवर्णि मनु-सम्पूर्ण एकता की मूर्ति (Statue of Complete Unity)
19. विस्मृत भारत रत्न स्मारक (Forgotten Bharat Ratna Memorial)
20. विश्वधर्म उपासना स्थल-उपासना और उपासना स्थल के विश्वमानक (WS-00000) पर आधारित
21. Satyakashi Universal Integration Science University-SUISU
पाँचवें युग-स्वर्णयुग के तीर्थ सत्यकाशी क्षेत्र में प्रवेश का आमंत्रण
सत्यकाशी महायोजना-प्रोजेक्ट को पूर्ण करने की योजना
धर्म स्थापनार्थ दुष्ट वध और साधुजन का कल्याण कैसे और किसका?
लव कुश सिंह “विश्वमानव”
कल्कि महाअवतार के रूप में स्वयं को प्रकट करते श्री लव कुश सिंह “विश्वमानव” द्वारा प्रकटीकृत ज्ञान-कर्मज्ञान न तो किसी के मार्गदर्शन से है और न ही शैक्षिक विषय के रूप में उनका विषय रहा है। न तो वे किसी पद पर कभी सेवारत रहे, न ही किसी राजनीतिक-धार्मिक संस्था के सदस्य रहे। एक नागरिक का अपने विश्व-राष्ट्र के प्रति कत्र्तव्य के वे सर्वोच्च उदाहरण हैं। साथ ही राष्ट्रीय बौद्धिक क्षमता के प्रतीक हैं।
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