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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palपुस्तक-परिचय
‘स्वामी विवेकानंद’ राष्ट्रीयता, राष्ट्रधर्म व मानवता के वाहक सहित सर्वधर्म समभाव व आधुनिकता के प्रेरणापुंज थे। उन्हें भारतीय परंपरा और आधुनिकता के मध्य ऐसी कड़ी माना जाता है, जिनका योग व वेदांत-दर्शन मार्गदर्शक बनकर वैश्विकपटल पर छा गया था। वे चाहते थे कि युवजन आलस्यता, कूपमंडूपता और कायरता त्यागकर राष्ट्र के उत्थान के लिए अपना अमूल्य योगदान दें।
उन्होंने अमेरिका के शिकागो में जो उद्बोधन दिया है, वह अविस्मरणीय है। उनके योगदान को अक्षुण्य बनाए रखने के लिए देश हर साल 12 जनवरी को ‘युवा दिवस’ मनाता है।
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वीरेंद्र देवांगन
लेखक-परिचय
लेखक शासकीय सेवा से सेवानिवृत्त हैं। लिखने-पढ़ने में रुचि के चलते वे अपने-आप को लेखन-कर्म में संलग्न रखे हुए हैं।
उनकी तीन दर्जन से अधिक किताबें अमेजन किंडल एवं नोशन प्रेस में छपी हैं, जिनमें लघुकथाएं, व्यंग्य-रचनाएं, बालकथाएं, उपन्यास, जीवनियां और प्रबंध-निबंध प्रमुख हैं।
लेखक की 450 से अधिक रचनाएं साहित्य लाइव में प्रकाशित हो चुकी हैं। उनके द्वारा रचित लघुकथाएं, व्यंग्य-लेख, बाल कहानियां विभिन्न पत्रपत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशित होती रहती हैं। वे प्रतियोगिता पत्रिकाओं के लिए भी लिखते हैं।
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