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"Tumhari khamoshiyan mere alfaz" / "तुम्हारी खामोशियां, मेरे अल्फाज़"

Author Name: Namrta Shukla | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

“तुम्हारी खामोशियाँ मेरे अल्फाज़”

दुनिया के शोर से दूर खामोशियों में खुद को खोजने का एक सफर है ! अपनी भावनाओं को शब्दों में पिरोकर मैंने इस पुस्तक के माध्यम से चंद यादों को सहेजने की कोशिश की है ! जीवन के छोटे छोटे पलों को पन्नों पे सजाती, कभी जुदाई कभी मिलन कराती , कभी सूरज कभी चांद के किस्से सुनाती , कभी आंखों में नमी, कभी लबों पे मुस्कान दे जाती हैं , ये कविताएं खामोशियों में मुझे मुझसे ही मिलाती हैं !

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नम्रता शुक्ला

“नम्रता शुक्ला”

मैं बस "मैं" हूँ 

कहने को तो एक लेखिका, एक टीचर तो कभी एक गृहणी हूँ  मैं !

लेकिन असल में कौन हूं मैं ?

मैं और कुछ नहीं,

मैं बस "मैं" हूँ !

कुछ तुम जैसी कुछ अपनी सी,बंद पलकों में ख्वाब सजाती,पल भर में कविता बड़ी लिख जाती,गीत खुशी के कभी गुनगुनाती, कभी मन ही मन थिरक जाती,तस्वीर पन्नों पे बनाती,हौसलों के पंख लिए आशाओं के आकाश में उड़ जाती, कभी जज्बातों के समंदर में गोते खाती !

जिसे दुनिया ने जाना वो कहां मैं हूँ ,

जिसे मैंने पहचाना बस वही हूँ  "मैं" !

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