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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palजब कोई भी देश समाज या राष्ट्र बदलाव चाहता है। तो उसे सबसे पहले वहाँ के नागरिकों को बदलने की शुरुआत करनी होगी। क्योंकि जब हम खुद बदलेंगे तब पड़ोसी गाँव, तहसील, जिला, प्रदेश और इसी तरह से पूरा राष्ट्र बदल जाएगा।
खुद का अनुशासन जिम्मेदारी और नैतिक कर्तव्यो को समझते हुए राष्ट्र निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभाए। जब देश के लिए कोई नया कार्य या बदलाव का कार्य हो तो सभी नागरिकों को अपनी थोड़ी-थोड़ी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। जिससे मजबूत एवं सशक्त राष्ट्र का निर्माण हो सके। समाज में पिछडे, गरीब, दलित एवं असहायो की सहायता एवं सहयोग करके सभी एक साथ उन्नति पथ पर अग्रसर हो सकें।
इस पुस्तक में भरसक प्रयास किया गया है कि समाज में एक नई सोच विकसित हो सके जिससे समाज देश राष्ट्र को एक नई दिशा मिल सके।
धन्यवाद!
विजय कुमार उपाध्याय
विजय कुमार उपध्याय जी उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिला के खुरमा गाँव के रहने वाले हैं। इनका जन्म 15 अगस्त 1993 में हुआ था। आपकी माता- श्रीमती मालती देवी जी और पिता- श्री शंकर देव उपाध्याय जी हैं। इन्होने हिंदी से स्नातक किया है। इनकी बचपन से ही कुछ अलग करने की सोच थी, इनकी मेहनत अब धीरे-धीरे रंग ला रही है। विजयपथ के माध्यम से ये नौजवानों को जीने की राह सीखाने आये हैं।
ईमेल:- upadhyayvijay372@gmail.com
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