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Vishva shanti - antim satya disha / विश्व शान्ति - अन्तिम सत्य दिशा

Author Name: Lava Kush Singh “vishwmanav” | Format: Paperback | Genre : Educational & Professional | Other Details

विषय- सूची

विश्व शान्ति 
ईश्वर का मस्तिष्क, मानव का मस्तिष्क और कम्प्यूटर 

भाग-1 : विश्व धर्म संसद

01. विश्व धर्म संसद-सन् 1893 ई0 परिचय
 स्वामी विवेकानन्द के व्याख्यान
 01. धर्म महासभा स्वागत भाषण का उत्तर, दिनांक 11 सितम्बर, 1893
 02. हमारे मतभेद का कारण, 15 सितम्बर, 1893
 03. हिन्दू धर्म, 19 सितम्बर, 1893
 04. धर्म भारत की प्रधान आवश्यकता नहीं, 20 सितम्बर, 1893
 05. बौद्ध धर्म, 26 सितम्बर, 1893
 06. धन्यवाद भाषण, 27 सितम्बर, 1893
02. विश्व धर्म संसद-सन् 1993 ई0 परिचय
03. विश्व धर्म संसद-सन् 1999 ई0 परिचय
04. विश्व धर्म संसद-सन् 2004 ई0 परिचय
05. विश्व धर्म संसद-सन् 2009 ई0 परिचय

संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा आयोजित सहस्त्राब्दि सम्मेलन-2000 ई0
   01. राष्ट्राध्यक्षों का सम्मेलन
   02. धार्मिक एवं आध्यात्मिक नेताओं का सम्मेलन

भाग-2 : विश्व शान्ति का अन्तिम मार्ग

एकात्मकर्मवाद और विश्व का भविष्य
विश्व का मूल मन्त्र- ”जय जवान-जय किसान-जय विज्ञान-जय ज्ञान-जय कर्मज्ञान“ 
विश्वमानक-शून्य श्रृंखला (निर्माण का आध्यात्मिक न्यूट्रान बम)
भारत का संकट, हल, विश्वनेतृत्व की अहिंसक स्पष्ट दृश्य नीति, सर्वोच्च संकट और विवशता
गणराज्य-संघ को मार्गदर्शन
 01.  गणराज्यों के संघ-भारत को सत्य और अन्तिम मार्गदर्शन
 02.  राष्ट्रो के संघ - संयुक्त राष्ट्र संघ को सत्य और अन्तिम मार्गदर्शन
 03. अवतारी संविधान से मिलकर भारतीय संविधान बनायेगा विश्व सरकार का संविधान
 04. ”भारत“ के विश्वरूप का नाम है-”इण्डिया (INDIA)“
 05. विश्व सरकार के लिए पुनः भारत द्वारा शून्य आधारित अन्तिम आविष्कार
  - शून्य का प्रथम आविष्कार का परिचय
  - शून्य आधारित अन्तिम आविष्कार का परिचय

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लव कुश सिंह “विश्वमानव”

कल्कि महाअवतार के रूप में स्वयं को प्रकट करते श्री लव कुश सिंह “विश्वमानव” द्वारा प्रकटीकृत ज्ञान-कर्मज्ञान न तो किसी के मार्गदर्शन से है और न ही शैक्षिक विषय के रूप में उनका विषय रहा है। न तो वे किसी पद पर कभी सेवारत रहे, न ही किसी राजनीतिक-धार्मिक संस्था के सदस्य रहे। एक नागरिक का अपने विश्व-राष्ट्र के प्रति कत्र्तव्य के वे सर्वोच्च उदाहरण हैं। साथ ही राष्ट्रीय बौद्धिक क्षमता के प्रतीक हैं।

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