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Vivaah- Jaruri ya Majboori / विवाह - जरूरी या मजबूरी?

Author Name: Arpita Mishra | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

"विवाह" शब्द बेशक छोटा है पर इस शब्द का अर्थ इतना बड़ा है कि समझने मे लोगों की उम्र लग जाती है पर फिर भी समझ नहीं पाते हैं! हमारे समाज में शादी का ठप्पा बेहद "जरूरी" माना गया है फिर चाहे वो "मजबूरी" में क्यूँ ना लगे। मेरा उद्देश्य इन चीजो को गलत करार करना नहीं है बस अपनी सोच को प्रकट करना है। और यह पुस्तक ना सिर्फ मेरी बल्कि बहुत से लोगों की सोच को दर्शाने का एकमात्र जरिया है।

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अर्पिता मिश्रा

अर्पिता मिश्रा उत्तर प्रदेश के लखनऊ की रहने वाली हैं और वह लखनऊ विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री की पढ़ाई कर रही हैं। और वह "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" अभियान का हिस्सा हैं और 30 से अधिक एंथोलॉजी की लेखिका हैं और कई पुस्तकों की डिजाइनर भी हैं। उसने इस पुस्तक में शादी के बारे में अपने विचार व्यक्त करने का फैसला किया

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