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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal"वो सुबह कभी तो आएगी " पुस्तक के बारे में
यह एक सच्ची घटना पर आधारित मार्मिक कहानी है जो पाठकों को द्रवित कर देगी। श्यामा नन्द झा बिहार के एक गाँव के समृद्ध किसान शंभु नाथ झा के बेटे हैं। श्यामा नन्द बड़ी तीक्ष्ण बुद्धि के धनी मृदु स्वभाव के व्यक्ति हैं। उन्होंने अपने गाँव मुंडका में ही प्रायमरी क्षिक्षा प्राप्त की और हायर सिकंदर की कशिश पटना के कान्वेंट स्कूल से की। मेधावी क्षेत्र होने की वजह से उन्होंने ११वीं की बोर्ड परीक्षा में मेरिट में १०वां स्थान प्राप्त किया और भारत सरकार की नेशनल मेरिट स्कालरशिप प्राप्त की। बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी सिंदरी से मैकेनिकल की डिग्री हासिल की और भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स में नौकरी की। उनकी एक पुत्री श्रुति और पुत्र संजय हुए। संजय पिता से भी बढ़कर मेधावी था। उसने कंप्यूटर में डिग्री और आईआईएम कोलकत्ता से एम बी ए की डिग्री हाशिल की और मल्टीनेशनल बैंक में मुंबई में नौकरी की। श्रुति की शादी हो गई पर संजय की शादी नहीं हुई। ३५ वर्ष की आयु में संजय को डेंगू की बीमारी हुई और ५ दिनों में ही कोकिलनें अस्पताल में आखिरी सांस ली। संजू के दुःख से मातापिता के दारुण दुःख की हृदय विदारक सत्य घटना को वर्णित करने का प्रयास किया है इस पुस्तक में।
बी एल तिवारी
श्री बी एल तिवारी अब एक वरिष्ठ नागरिक है । उन्होंने B.E.(Mechanical Engineering एनआईटी भोपाल ( रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज , भोपाल , मध्य प्रदेशस्नातक की डिग्री प्राप्त की,(M.Tech-Industrial Engineering वर्ष 1980 में आई आई टी दिल्ली से, वित्तीय प्रबंधन में डिप्लोमा से 1992 में ।उनका शैक्षणिक जीवन बहुत उज्ज्वल था । मध्य प्रदेश 1963 में बोर्ड परीक्षा में उनका नाम मेरिट सूची में 19th position उन्हें राष्ट्रीय योग्यता छात्रवृत्ति (National Merit Scholarship ) से सम्मानित किया गया । अखिल भारतीय स्तर पर आईआईटी दिल्ली में M.Tech दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा में प्रथम स्थान पाया ।उन्होंने एसीसी लिमिटेड , फर्टिलाइजर कार्पोरेशन इंडिया लिमिटेड , भेल , इस्पात इंडस्ट्रीज लिमिटेड और उच्च स्तर के कई अन्य निजी कंपनियों में काम किया. उनका पिछला काम 1200 मेगावाट थर्मल पावर प्लांट का निर्माण था । वे एक बिजली कंपनी में वरिष्ठ उपाध्यक्ष थे । लेखक ने " अभिलाषा पुनर्जन्म में पुनर्मिलन की ", व्यावसायिक प्रबंधन के अनुभव ( experiences in practicing professional management)., जन्मों के कर्मफल ,गुमराह हमराही और अभिलाषा किताबें लिखीं हैं जो प्रकाशित हो चुकी हैं और अमेज़ॉन ( Amazon) पर उपलभ्ध हैं।इन सभी पुस्तकों को कई गणमान्य व्यक्तियों ने सराहा है , इन किताबों को को अवश्य पढ़ें। ।
अभिलाषा एक वास्तविक घटना पर आधारित सच्चे प्रेम की कहानी है। बहुत ही लोकप्रिय किताब है।
किताब गुमराह हमराही अगस्त २०२० में नोशन प्रेस से प्रकाशित हुई है। यह उन गुमराह जोड़ों की सत्य कहानी है जो विवाह के ३-४ वर्षों में अलग हो गए अपने आप को समायोजन ( adjustment ) न करने के कारण। इस किताब में समाज में व्याप्त व्यभिचार को भी उजागर किया है। पाठकों ने बहुत पसंद किया है।“कर्मों के फल” पुस्तक आत्मकथा है घर में पाले जाने वाले और आवारा पशुओं की। घर में पाले जाने वाले पशुओं की तो अच्छी तरह से देखभाल होती है पर आवारा पशुओं खासकर कुत्तों के साथ लोग अच्छा व्यवहार नहीं करते। इस किताब में ऐसी जानकारी है जिसे बहुत लोग नहीं जानतेकि जन्मों के कर्मों के फलस्वरूप ही प्राणी विभिन्न योनियों में जन्म लेता है। कोई कुत्ता बनता है तो कोई पशु। । पढ़ने योग्य किताब।
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