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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal"व्याकुल मन" पुस्तक व्यक्ति के जीवन के तमाम प्रकार के व्याकुलता का परिचायक है।
व्याकुलता चाहे किसी संघर्ष में हो, प्रेम में हो , प्रतिशोध में हो , प्रतिस्पर्धा में हो, वो हमेशा व्यक्ति के जीवन शैली के पैमाने को निर्धारित करती हैं। जीवन में व्याकुलता का महत्व उतना ही है, जितना कंठ के सूख जाने पर जल पाने की इच्छा की होती है। व्याकुलता ही व्यक्ति को एक सक्रियात्मक प्राणी बनाता है। जीवन में किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए व्याकुलता का ही सबसे बड़ा योगदान एवं महत्व होता है। व्यक्ति की इच्छा शक्ति उसकी व्याकुलता पर निर्भर करती है। मैं ये नहीं कहता हूं कि व्याकुलता व्यक्ति के सभी आयामों को सफल परिणाम देती है, क्योंकि जहांँ एक और व्याकुलता व्यक्ति को लक्ष्य की ओर ले जाता है, वहीं दूसरी ओर कभी-कभी इसमें कई सारे विभिन्न प्रकार के दुष्परिणाम भी देखने को मिलते हैं।
इस पुस्तक के माध्यम से मैं लोगों को खासकर युवाओं को यही संदेश देना चाहता हूं की व्याकुलता की भावना उस हद तक ही उचित एवं सही है, जहां तक हम अपने और दूसरों को शारीरिक एवं मानसिक आघात ना पहुंँचाएं। व्याकुलता की आंधी में हम इतने अंँधे ना हो जाए कि ये भूल जाए कि ये जीवन हमें एक ही बार मिला है, ये परिवार, ये लोग हमें एक ही बार मिले हैं। हमें हर व्याकुलता की समय सीमा तय करनी होगी। जिससे व्याकुलता का काम सिर्फ जीवन में लक्ष्य निर्धारण, लक्ष्य प्राप्त तथा इससे प्राप्त खुशियां एवं उसकी उत्पत्ति-प्रसार तक ही सीमित रह सके। इसके अतिरिक्त कोई भी कल्पना, कोई भी आशा, कोई भी व्याकुलता घातक ही साबित होगी।
मुस्कान केशरी और प्रशान्त कुमार सरोज
मुस्कान केशरी स्व० मनोज केशरी जी और संध्या देवी जी की सुपुत्री हैं। मुस्कान केशरी जी एम. एस केशरी प्रकाशन की CEO है, साथ ही साथ वो एक लेखिका एवं कवयित्री हैं। मुस्कान एनसीसी कैडेट, ब्यूटीशियन, शिक्षिका भी हैं। मूल रूप से मुस्कान मुजफ्फरपुर, बिहार से ताल्लुक रखती हैं। इन्होने लेखन की शुरुआत की और धीरे - धीरे लेखन में इनकी रूचि बहुत ज्यादा हो गई। ये नये - नये विषयों पे कविता, कहानी लिखना पसंद करती हैं। ये 200 +काव्य संग्रह और 15 साझा संकलन की संकलनकर्ता रह चूँकी है।
इनका नाम प्रशांत कुमार सरोज है । ये उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध स्थल और श्री राम जन्मभूमि अयोध्या का रहने वाले हैं। बचपन से ही इनको कविता -कहानी पढ़ने और लिखने का शौक है। इनका कहना है की जिंदगी के विभिन्न प्रमुख पहलू एवं उनमें आए ठहराव व बदलाव, इनको कविता लिखने पर मजबूर करती है। साथ ही प्राकृतिक कविताएं एवं बच्चों व यूथ के लिए प्रेरणादायक लेख लिखना इनका शौक है। इन्होंने कई पुस्तकों में अपनी रचनाएं लिखे हैं जो काफी प्रसिद्ध हैं। कई कविता प्रतियोगिता में इन्होंने उच्च स्थान प्राप्त किया है जिसका प्रशस्ति पत्र इनको प्राप्त है। इसके अतिरिक्त कई सालों से ये सामाजिक कार्यों में संलग्न हैं एवं अपने सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के लिए ये प्रयास कर रहें है, जिसमें ये कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार किए हैं। वर्तमान में ये बस्ती जिले में सहायक अध्यापक पद पर कार्यरत हैं।
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