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Vyapar kendra (TRADE CENTRE)-drishya satya / व्यापार केन्द्र (TRADE CENTRE)-दृश्य सत्य

Author Name: Lava Kush Singh "vishwmanav" | Format: Paperback | Genre : Educational & Professional | Other Details

विषय- सूची

प्रारम्भ के पहले दिव्य-दृष्टि


भाग - 01. व्यापार

व्यापार का अर्थ और उसका मूल आधार
लांचिग (Launching)], प्री-लांचिग (Pre-Launching) और प्री-आर्गनाइजेशन (Pre-Organisation)
व्यवसाय का लेखांकन (एकाउण्ट बुक किपिंग)-दोहरी प्रविष्टि प्रणाली

भाग-02. व्यवसाय संगठन

व्यवसाय की विशेषताएँ, उद्देश्य एवं उत्तरदायित्व
व्यवसाय आरंभ करने का विचार और योजना बनाना
व्यवसाय संगठनों के स्वरूप
व्यवसाय संगठन-सामान्य दिशानिर्देश एवं प्रबंधन
सामाजिक उत्तरदायित्व संगठन-समिति एवं ट्रस्ट

भाग-03. सर्वेक्षण (Survey)

आकड़ा (Data)  
सर्वेक्षण (Survey) -अर्थ एवं प्रकार
आधुनिक जीवन में सर्वेक्षण का प्रयोग व उपयोगिता
जनमत से अलग सर्वेक्षण के आधार

भाग-04. विज्ञापन Advertisement)

विज्ञापन
विज्ञापन रचना-प्रक्रिया
दूरदर्शन (टी.वी)-विज्ञापन
ऑनलाइन विज्ञापन
विज्ञापन और व्यापार

भाग - 05. उत्पाद

उत्पाद-अर्थ एवं प्रकार
ईश्वर निर्मित उत्पाद
मानव निर्मित उत्पाद
शरीर आधारित मानव निर्मित उत्पाद
धन आधारित मानव निर्मित उत्पाद
बैंकिग उत्पाद और उसका व्यापारिक गणित
शेयर, डिबेन्चर तथा म्यूचुल फण्ड और उसका व्यापारिक गणित
वायदा बाजार और उसका व्यापारिक गणित
सट्टा, पेपर एवं आॅन लाइन लाॅटरी और उसका व्यापारिक गणित
बाजी और उसका व्यापारिक गणित
मन आधारित मानव निर्मित उत्पाद
मनोरंजन आधारित मानव निर्मित उत्पाद
मशीन आधारित मानव निर्मित उत्पाद
एन्टीक एवं सुपर एन्टीक उत्पाद-अर्थ, प्रकार एवं पहचान
विचार, रचनात्मक विचार और लाभ की शक्ति

भाग-06. निवेशक

निवेश (Investment)  
निवेशक (Investor)
निवेश के तरीके   
रियल इस्टेट (प्रापर्टी) में निवेश
राष्ट्र निर्माण का हमारे द्वारा उच्च लाभ देने वाले प्रोजेक्ट और निवेश

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लव कुश सिंह “विश्वमानव”

कल्कि महाअवतार के रूप में स्वयं को प्रकट करते श्री लव कुश सिंह “विश्वमानव” द्वारा प्रकटीकृत ज्ञान-कर्मज्ञान न तो किसी के मार्गदर्शन से है और न ही शैक्षिक विषय के रूप में उनका विषय रहा है। न तो वे किसी पद पर कभी सेवारत रहे, न ही किसी राजनीतिक-धार्मिक संस्था के सदस्य रहे। एक नागरिक का अपने विश्व-राष्ट्र के प्रति कत्र्तव्य के वे सर्वोच्च उदाहरण हैं। साथ ही राष्ट्रीय बौद्धिक क्षमता के प्रतीक हैं।

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