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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palउम्र का एक ऐसा दौर, जब सब कुछ बदल सा जाता है दिल और दिमाग दोनों अलग अलग रह पर चलते हैं और हमें अपने बड़े ही अपने दुश्मन लगने लगते हैं। हालांकि, हम भली भांति ये समझते हैं, कि हमारे माता पिता से अधिक हमारे हित में कोई नहीं सोचता, किन्तु फिर भी क्षणिक सुख के आवेग में बहकर हम उनके विपरीत हो जाते हैं और कुछ ना ऐसा कर बैठते हैं जो जीवन भर हमारी स्मृतियों से ओझल नहीं होता।
उम्र के इस पड़ाव में शारीरिक और मानसिक बदलाव हम पर हावी रहते हैं और इसी दौर में मिले हुए अनुभव के किस्से हमारे जीवन का अहम हिस्सा बनकर हमें एक अविस्मरणीय सीख दे जाते हैं। "युवावस्था की दहलीज" पुलिंदा है ऐसी ही कुछ कहानियों का, जो हमारे लेखकों ने बड़े जतन से संजोई है। आशा है, कि पाठकों को ये कहानियां पसंद आएंगी और इन्हें पढ़कर कुछ ना कुछ सीख जरूर गृहण करेंगे।।
निखिल जैन, अनिका जैन
निखिल जैन, एक लेखक हैं, जो की धुले, महाराष्ट्र से संबंध रखते है। इन्हे अपना ज्ञान दूसरो के साथ साझा करना, यात्रा करना, नई नई खोज करना और रचनात्मकता का बेहद शौक रखते है। ये 30 से अधिक पुस्तकों के संकलनकर्ता रह चुके है और इनके स्वयं के दो ऑनलाइन प्रकाशन "Unité Publication" और love.vibes143 भी है। इनसे जुड़ने के लिए आप संपर्क कर सकते हैं - इंस्टाग्राम : @love.vibes143 ईमेल -love.vibes143@outlook.com
अनिका जैन, मोहब्ब्त की नगरी ताज नगरी, आगरा उत्तर प्रदेश से संबंध रखती हैं। लिखना इनका शौक ही नहीं पेशा भी है। इनका मानना है, कि केवल लेखन ही एक ऐसी कला है जिससे हम अपनी आंतरिक भावनाओं को भली भांति अभिव्यक्ति कर सकते हैं, और अपनी सोच और अपना नजरिया दुनिया के सामने प्रस्तुत कर सकते हैं। टाइपिंग के दौर में इन्हे आज भी कलम कागज का उपयोग करना बेहद पसंद है। इनके अनुसार मुस्कुराहट एक दवा है, जो हमारे साथ साथ हमारे आस पास के माहौल को भी खुशनुमा बना देती है। इन्होंने 100 से अधिक किताबो में बतौर सह लेखक कार्य किया है, और इनके स्वयं के कई संकलन प्रकाशित हो चुके हैं। इनकी एक सह एकल पुस्तक "प्रेमार्थ" भी प्रकाशित है। आप इनकी लेखनी पढ़ सकते है – Instagram handle _ @rumifam1803, G-mail _ jainanika650@gmail.com
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