कहानी

By Divya in Poetry
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पूरी दुनिया को सुनानी है 

हर एक शख्स को बतानी है 

सारे राज खोल दूंगी आज 

क्योंकि ये मेरी कहानी है 

आज भी फोन में तेरा नंबर देख हाथ कपकपाते है

क्या है ये तेरा असर बता दे, तुझे मेहसूस कर आज भी कदम डगमगाते है

तूने कहा कभी मेरी पूरी बात जानी है 

सारे राज खोल दूंगी आज क्योंकि ये मेरी कहानी है 

तेरी महक से ये साँसें चलती है

तेरी बाहों में सारी शामें ढलती है 

फिर भी नहीं होंगी मेरी सारी ख्वाहिशें पूरी 

रह जाएगी मेरी ये कहानी फिर से अधूरी 

क्या कोई आएगा फिर से इस कहानी को पूरा करने?

क्या कोई आएगा दूर तक मेरा हाथ थामने?

क्या होगा मुझे फिर से प्यार?

क्या मिलेगा मुझे वो सुकून जिसका कर रही थी पूरी जिंदगी इंतजार?

चाहिए अब मुझे किसी अपने का साथ 

जिससे कह सकू दिल की सारी बात 

होगी उस रिश्ते में सिर्फ प्यार और भरोसे की आस

मिलेगा मुझे कोई जिसे कह सकूंगी है मेरा वो सबसे खास 

पूरा करूंगी इस कहानी के हरेक पन्ने को 

जिसे होगा हक्क पढ़ने का सिर्फ मेरे अपनों को 

वफा से निभाउंगी दिल के इस रिश्ते को 

सम्भालने के रखूंगी खुदा के भेजे इस फरिश्ते को!!!!!!! 

                                                    - दिव्या 

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