Long Distance Love
By
Vijay Khemka in
Poetry | 1 min read |
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हाँ थोड़ा पागल सरफिरा हूँ
पर हर पल तुमसे ही घिरा हूँ
कहीं भी जाना कोई गीत गुनगुनाना
है सब कुछ तुमसे ही मिलने का बहाना
कविताओं में तुमसे बातें करना
भीड़ में अकेले खुद से ही लड़ना
ज़िन्दगी की महफ़िल में ढूंढ़ना तुम्हारा हाथ
सोचना कि जब मिलेंगे तो क्या होगी बात
अपने आस-पास आजाद पंछियों को देखना
दिल के अरमानों को वहीँ रास्ते पर फेकना
हर मुश्किल में भी बस तुमपर ही अड़ा हूँ
हाँ थोड़ा पागल सरफिरा हूँ
पर हर पल तुमसे ही घिरा हूँ....
-विजय खेमका
#VersesOfLove