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Agar Tum Saath Ho..... / अगर तुम साथ हों... आजके मिलेनिअल्स की अनकही कहानियाँ

Author Name: Leenna Parannjpe Neelima Deshpande, Neelima Deshpande | Format: Paperback | Genre : Families & Relationships | Other Details

जब हमारा स्वास्थ्य बिगड़ता है तो हम अपनी शारीरिक बीमारियों के लिए डॉक्टर की मदद लेने में हिचकिचाते नहीं हैं।आजकल बहुत से लोग हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी मदद लेने के महत्व को समझते हैं, लेकिन दुर्भाग्य से, शादी में बंधे दो लोगों को हमेशा खुशी से रहना चाहिए। हालांकि, जरूरत पड़ने पर लोग इस क्षेत्र के विशेषज्ञों से सलाह नहीं लेते हैं। मुझे लगता है कि शादियों को बचाने के लिए आवश्यक धन को बचाना गलत है, लेकिन तब तक इंतजार करना जब तक कि अलग-अलग दिमाग एक-दूसरे से हमेशा के लिए दूर नहीं हो जाते, ऐसे समाधानों के साथ जो असहमतियों के खत्म होने पर काम नहीं करेंगे। ऐसे में पैसा बचाना है या शादी यह सवाल हमारे दिल की दरिद्रता को दर्शाता है।इन सब को ठीक करने के लिए  बस इतना ही जरूरी है कि कोई इन मिलेनियल्स को मार्गदर्शन करे, उनकी मदद करे और उन दोनों के लिए उन विवाहों को संभाले।  ऐसी ही सच्ची कहानियों पर आधारित हिन्दी  भाषा की ये कहानियां आपको बहुत कुछ बताएंगी!

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लीना परांजपे नीलिमा देशपांडे, Neelima Deshpande

चाहे 'शादी' की गांठें स्वर्ग में बंधी हों या एक-दूसरे को पसंद करके कभी घरवालों की सहमति से तो कभी उसके खिलाफ जाकर, एक-दूसरे का साथ देकर और एक-दूसरे के प्यार को स्वीकार कर बंधे!

नमस्ते!! मैं लीना परांजपे हूं। मुझे एकमात्र मैरिज कोच होने पर गर्व है क्योंकि मैरिज कोचिंग वर्तमान में भारत में उपलब्ध नहीं है। आज अपनी ही शादी के उतार-चढ़ाव को झेलते हुए अगर मैं इस रिश्ते को सफलतापूर्वक निभा सकती हूं तो आज का युवा क्यों नहीं? आज के मिलेनियल्स को सिर्फ यह जानने की जरूरत है कि रिश्तों को कैसे मैनेज किया जाए। ऐसा सोचकर मैंने इसे ही अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया है। मेरी Global Millennials के 1% तक पहुंचने की तीव्र इच्छा है। आपके समर्थन की सराहना करती हुॅ।

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