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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal'दिल से' का छठा संस्करण 'दिल मेरा' किताब सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों पर आधारित है, जिसमें सतत विकास के वर्ष 2030 के भारत के लक्ष्य को हासिल करने वाले प्रमुख विषय शामिल किए गए हैं। इसमें गरीबी, भूख, शिक्षा, जेल और अन्य प्रमुख मुद्दों का समावेश किया गया है, जो समाज की जटिलताओं और भविष्य के लिए आवश्यक बदलावों को उजागर करते हैं। इस किताब का उद्देश्य समाज के विभिन्न पहलुओं पर गहरी सोच और संवेदनशीलता को जागृत करना है, ताकि हम एक ऐसे भारत की कल्पना कर सकें, जो न सिर्फ आर्थिक, बल्कि समाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी उन्नत हो। इस किताब के लेखों के माध्यम से, मैं उन महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार करना चाहता हूँ, जो हमारे देश की वास्तविकता से जुड़े हैं और भविष्य के लिए जरूरी बदलावों का खाका प्रस्तुत करते हैं। समाज में व्याप्त विषमताओं को दूर करने, शिक्षा के स्तर को सुधारने और जेल व्यवस्था में सुधार की जरूरतों को उजागर करते हुए, 'दिल मेरा' एक प्रेरणा देने वाली यात्रा है। किताब का उद्देश्य पाठकों को सोचने पर मजबूर करना है, ताकि वे अपने दृष्टिकोण को बदलने और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित हों। 'दिल मेरा' सिर्फ एक किताब नहीं, बल्कि एक आवाज़ है, जो समाज के गहरे मुद्दों पर चर्चा करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाती है।
अतुल मलिकराम
डॉ. अतुल मलिकराम एक प्रख्यात भारतीय राजनीतिक रणनीतिकार, पीआर कंसल्टेंट, लेखक, समाजसेवी और एंगर मैनेजमेंट एक्सपर्ट हैं। सन् 1969 में मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में एक व्यावसायिक परिवार में जन्मे अतुल ने सन् 1999 में पीआर के क्षेत्र में कदम रखा और वर्ष 2006 में पीआर 24x7 की स्थापना की। पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने भारतीय राजनीति में खासकर मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश जैसे हिंदी भाषी राज्यों में अपनी अलग पहचान बनाई है। उन्होंने कई सटीक भविष्यवाणियाँ कीं, जैसे मध्य प्रदेश में सिंधिया खेमे का बीजेपी में शामिल होना और 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी (एनडीए) के लिए 294 सीटों का अनुमान आदि।
समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए उन्हें गॉडफ्रे फिलिप्स रेड एंड व्हाइट गोल्ड अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। देश के शीर्ष राजनीतिक रणनीतिकारों में से एक डॉ. अतुल मलिकराम को उनके उल्लेखनीय योगदान और विशेषज्ञता के लिए हाल ही में कैलिफोर्निया पब्लिक यूनिवर्सिटी, यूएसए द्वारा 'डॉक्टर ऑफ पॉलिटिकल साइंस- स्पेशलाइजेशन इन पॉलिटिकल स्ट्रेटेजी' की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है। उन्हें यह उपाधि उनके विशेष शोध 'इवॉल्यूशन ऑफ पॉलिटिकल पार्टीज: मैनिफेस्टेशन इन हिंदी हार्टलैंड आफ्टर इमरजेंसी' के आधार पर दी गई।
अतुल मलिकराम एक चर्चित लेखक भी हैं और उनकी किताबें जैसे 'दिल से', 'गल्लां दिल दी', 'दिल विल', 'दिल दश्त', और 'कसक दिल की' पाठकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। वे एक एंगर मैनेजमेंट एक्सपर्ट के रूप में इंदौर में देश के पहले एंगर मैनेजमेंट कैफे 'भड़ास' के संस्थापक भी हैं।
उनकी सामाजिक संस्था 'बीइंग रेस्पॉन्सिबल' द्वारा पाँच महत्वपूर्ण पहल की जा रही हैं, जो पूरी तरह से निःशुल्क हैं। इनमें 'केयर फॉर एल्डर्स', 'तेल-मालिश', 'दाना-पानी', 'छत्रछाया' और 'नंगे-पैर' शामिल हैं। इन पहलों के तहत बुजुर्गों को राहत देने के लिए डे केयर सेंटर, मालिश सेवाएँ, पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था और बच्चों तथा महिलाओं को चप्पल, कैप, रैनकोट और स्वेटर वितरण जैसी सेवाएँ प्रदान की जाती हैं।
भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे सतत विकास लक्ष्यों में भी उनका योगदान उल्लेखनीय है। #2030काभारत अभियान के माध्यम से वे शून्य गरीबी, शून्य भुखमरी, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और जेल सुधार जैसी योजनाओं पर काम कर रहे हैं। 'दिल मेरा' किताब इन्हीं महत्वपूर्ण विषयों का बखान करती है
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