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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palगल्लां दिल दी, दिल से... किताब का दूसरा संस्करण है, जो विभिन्न लेखों के माध्यम से राजनीति, समाज और संस्कृति, शिक्षा और प्रेरणा, व्यवसाय तथा 2030 के भारत जैसे क्षेत्रों में लेखक के विचारों को शब्दों में पिरोती है। किताब के लेख समाज की उधेड़-बुन, प्रेरणादायी जीवन, राजनीतिक उठा-पटक, व्यापार आदि को नई दिशा देने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर बुने गए हैं।
गल्लां दिल दी, समाज के प्रति लेखक के विचारों और दुनिया को देखने के अपने नज़रिए को पाठकों को सौंपने के उद्देश्य से लिखी गई किताब है। यह किताब गहन अनुभव के साथ जाग्रत हुई सामाजिक संरचना के प्रति उन करोड़ों लोगों की आवाज़ है, जो अपनी सोच को शब्दों का रूप देने में कहीं न कहीं कमी पाते हैं। बात शिक्षा की हो, या कलयुग में इंसानियत के बदलते रवैये की, भारत की सदियों से चली आ रही संस्कृति की हो या पृथ्वी के प्राणियों के प्रति विलुप्त होते सेवा भाव की, हर एक क्षेत्र के संबंधित लेख भावनाओं और विचारों के साथ बेहद खूबसूरती से पिरोए गए हैं। सामाजिक संरचना की नींव की मरम्मत और इसे मजबूत करते हुए यह किताब दिल छू लेने वाले लेखों के माध्यम से समाज के कुछ ऐसे अनछुए मुद्दों को भाव देने का कार्य करती है, जिसका विचार भी आम मस्तिष्क में मुश्किल से घर करता है। किताब के लेख सिर्फ प्रेरणादायक ही नहीं हैं, बल्कि समाज को नए विचार देने का साहस भी रखते हैं। सामाजिक संरचना पर आधारित लेखों के माध्यम से यह किताब पाठकों के दिलों में स्थान बनाने का वादा करती है।
अतुल मलिकराम
अतुल मलिकराम एक भारतीय राजनीतिक रणनीतिकार, पीआर कंसल्टेंट, लेखक, समाजसेवी और एंगर मैनेजमेंट एक्सपर्ट हैं। सन् 1969 में मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में एक बिजनेस क्लास परिवार में जन्में अतुल मलिकराम ने 1999 में एक पीआर पेशेवर के रूप में अपना करियर शुरू किया और 2006 में पीआर 24x7 की नींव रखी। पिछले कुछ वर्षों में भारतीय राजनीतिक पृष्ठभूमि, खासकर मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश जैसे हिंदी भाषी राज्यों में, उन्होंने अपनी अलग छवि विकसित की है। उनकी मध्य प्रदेश में सिंधिया खेमे के बीजेपी में शामिल होने से लेकर, "छत्तीसगढ़ और राजस्थान" में कांग्रेस के कमान संभालने जैसी संभावनाएं सही सिद्ध हुई हैं।
वे फरवरी 2022 में प्रकाशित किताब 'दिल से' के लेखक भी हैं। एंगर मैनेजमेंट एक्सपर्ट के रूप में उन्होंने इंदौर शहर में देश के पहले एंगर मैनेजमेंट कैफ़े 'भड़ास' की शुरुआत की। बुजुर्गों के प्रति सामाजिक नजरिये को एक सकारात्मक दिशा देने के उद्देश्य से उन्होंने 2016 में एनजीओ 'बीइंग रेस्पॉन्सिबल' का संचालन शुरू किया।
पत्नी व बेटी के साथ तीन लोगों के एक छोटे से परिवार के बीच अतुल मलिकराम, सादगी के साथ एक व्यवस्थित जीवनशैली अपना रहे हैं। सामाजिक परिवर्तन लाने में उत्कृष्ट भूमिका निभाने के लिए उन्हें, प्रतिष्ठित गॉडफ्रे फिलिप्स रेड ऐंड व्हाइट गोल्ड अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया है। अतुल मलिकराम, भविष्य की योजनाओं के तहत, सतत विकास लक्ष्यों के लिए #2030KaBharat कैंपेन के अंतर्गत, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल व खेल की दिशा में विभिन्न योजनाओं पर कार्य कर रहे हैं।
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