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Journalism Exposed / सहाफत का पर्दाफाश

Author Name: Krishnagopal | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details
वर्तमान में कैंसर से पीड़ित मीडिया जिसने न सिर्फ समाज व लोकतंत्र को पीड़ित कर रखा है बल्कि अपने मुल्क की अवाम के मन को ज़हर से भर दिया है।मेरा उद्देश्य कविताए लिखने का जनता को मीडिया के अनैतिक कृत्यों से जागरूक और रु ब रु करना है।मीडिया जो को लकतंत्र का चौथा खम्भा होता है उसको लोकहित में सत्ता से सवाल पूछना चाहिए वो स्वयं अपनी आबरू बेच चूका है ऐसे हालातो में जनता को मुल्क की हिफाज़त के प्रति सचेत होकर मीडिया से सवाल पूछने चाहिए और जवाब न देने कानून में अनेक दिए प्रावधानों में मीडिया के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करनी चाहिए।मीडिया पर समाज की आर्थिक राजनैतिक और सामाजिक ज़िम्मेदारी का बड़ा दारोमदार है जो की आज का मुख्यधारा मीडिया दिखाने से अक्सर कतरा रहा है।मुल्क की ताक़त अवाम है,ऐसा माना जाता था एक ज़माने में की मीडिया सच ढूंढ कर लता था और आज ठीक उल्टा है मीडिया सिर्फ झूठ दिखाता है,ऐसे में अवाम को मुल्क की हिफाज़त खुद करनी पड़ेगी मीडिया पर निर्भर होने की कोई ज़रुरत नहीं लाज़मी।गुज़ारिश करता हूँ अवाम से की मीडिया की इस ज़ालिम हरकत से सतर्क हो जाए।अगर मेरे मुल्क की एक भी शख्सियत नेरे कविता से प्रभावित होती है मुल्क की हिफाज़त के खातिर तो मैं मान लूंगा की मेरी कविता लिखने का उद्देश्य सफल हुआ।
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कृष्णगोपाल

कृष्णगोपाल का जन्म कानपूर में हुआ,बचपन से ही उनके माता पिता एवं उनके दादा दादी नाना नानी ने उनको स्वतंत्र संग्राम सेनानी की कहानी सुनाई जिससे उनके मन में इंक़लाबी विचार उत्पन्न होने लगे,काफी तीव्र बुद्धि के बालक थे जिनकी शिक्षक अक्सर प्रसंशा करते थे,ये सही के साथ खड़े होने वाले लोगो में मानते है जो गलत के खिलाफ तल्ख तेवर से तंज कसना सही समझते हैं कृष्णगोपाल पत्रकारिता और विधि में स्नातक हैं लखनऊ से जो मानते हैं की मीडिया की बदहाली हो ठीक किया जा सकता है अगर मीडिया पर कानून का चाबुक चले
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