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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palप्रस्तुत पुस्तक 'मार्गदर्शन' अपने नाम के अनुसार ही गुणों को लिए हुए हैं । इस पुस्तक की रचना के दौरान रचनाकार ने विशेष रूप से इस बात का ध्यान रखा है कि, इस पुस्तक का कोई भी शब्द या भाव किसी भी पाठक को, किसी भी रूप से कष्ट ना दें। परंतु फिर भी यदि किसी शब्द या भाव के माध्यम से पाठकों के हृदय को कष्ट महसूस हो तो ऐसे में रचनाकार हृदय से क्षमा प्रार्थी हैं। इस पुस्तक मार्गदर्शन के माध्यम से रचनाकार ने विद्यार्थी जीवन को बेहतरीन बनाने का मार्गदर्शन बताया है साथ ही विद्यार्थियों के जीवन में माता-पिता, अभिभावकों व गुरुजनों का कितना महत्व है और क्या योगदान होना चाहिए इस ओर भी इशारा किया है । रचनाकार ने इस पुस्तक में बहुत ही सामान्य उदाहरणों का प्रयोग करकर, बहुत ही गहरी बातों का दर्पण दिखाया है। इस पुस्तक को अपने शब्दों और भावों से सीचनें वाली लेखिका संतोष (कोमल) यह विश्वास करती हैं कि इस पुस्तक का अध्ययन करने से विद्यार्थी, उनके माता-पिता, गुरुजन, अभिभावक जन सभी और भी अधिक उचित मार्गदर्शन को अपने व्यक्तित्व में उतार पाएंगे। इस पुस्तक को रचने वाली रचनाकार संतोष(कोमल), माता-पिता, अभिभावक जन एवं गुरुजनों के प्रति बहुत सम्मान रखती हैं साथ ही विद्यार्थी वर्ग के प्रति इन्हें बहुत स्नेह हैं। इनके इसी समर्पण ने इनसे 'मार्गदर्शन' पुस्तक तैयार करवा दी। अंत में यह सभी को एक ही संदेश देना चाहती हैं कि:
'अगर स्थिति बुरी हो तो
बेहतरीन बदलाव जरूरी है,
अच्छे कर्मों के बिना
यह जिंदगी अधूरी है,
जरूर करना दूसरों से भी जमाना रोशन करने की उम्मीद
पर उससे पहले खुद भी चिराग बनना जरूरी है।'
संतोष
विद्यार्थी जीवन को उजागर करने की चाह रखकर 'मार्गदर्शन' पुस्तक को हमारे सामने लाने वाली रचनाकार (लेखिका) का नाम संतोष है। इन्हें बहुत लोग कोमल नाम से भी जानते हैं। इनका जन्म 2 अक्टूबर 1998 में दिल्ली शहर में हुआ था। जन्म से लेकर अभी तक इनका स्थानीय शहर नई दिल्ली है। इन्होंने दिल्ली सीबीएसई बोर्ड से अपने विद्यालय की पढ़ाई पूरी की है । इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से अपनी ग्रेजुएशन कंप्लीट की है । विद्यालय से लेकर महाविद्यालय तक के दौर में ज्ञान अर्जन करने का बहुत सुंदर सौभाग्य इन्हें प्राप्त हुआ।
जहां इनकी रुचि लेखन कला की ओर बढ़ने लगी और इन्होंने काव्य रचना से इस लेखन के दौर को शुरू किया। रचनाएं लिखने में इनकी बहुत रूचि है इसके साथ साथ सामाजिक कार्यों में भी शामिल रहना इन्हें बहुत पसंद है समाज हित के लिए कार्य करना यह अपना कर्तव्य समझती हूं। यह अपने लिखने का उद्देश्य अपनी इस काबिलियत को सबके सामने रखने से ज्यादा इस और रखती हैं कि इनकी लेखनी सत्य, सटीकता और सामाजिक कल्याण की ओर कार्य करें ।
क्योंकि लेखन साहित्य से जुड़ा है और साहित्य समाज से। यह स्वयं से यह आशा करती हैं और विश्वास करती हैं कि यह अपने द्वारा और अपनी कलम के द्वारा सदैव बेहतर कार्य करेंगी।
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