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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal"पथ के पंथ" पुस्तक जीवन के अनेक अंगों/क्षेत्रों को स्पर्श करती है। जैसे कि गुरु का सान्निध्य, आत्म साथी की खोज, विचारों की शक्ति, सत्य की महिमा, दान, प्रशंसा एवं स्वीकृति आदि अनेक जीवनोपयोगी विषयों पर कवि की कलम चली है।
सभी कविताएं धर्म ग्रंथों के अध्ययन तथा गुरुजनों के प्रवचनों पर स्व चिंतन द्वारा रची गई हैं। प्रत्येक कविता में दो पहलू हैं, एक बाहरी दुनिया से संबंधित है तो दूसरा स्व के भीतर गहरा अर्थ खोजता हुआ दिखाई देता है। गुरु के प्रति समर्पण, आंतरिक प्रकाश और जीवन का अन्तिम लक्ष्य प्रायः सभी कविताओं में झलकता है। सभी कविताओं के साथ हिन्दी और अंग्रेजी में सार व्याख्या दी गई है जो पाठक को कविता का आशय समझने में सक्षम बनाता है।
अरुणा चौरड़िया
इस पुस्तक की रचनाकार अरुणाजी चोरड़िया बेंगलोर के जैन परिवार से हैं। व्यापारिक समुदाय से संबंध रखते हुए आप एक कुशल गृहिणी हैं। जैन धर्म के संबंध में आपको गहरी श्रद्धा है कि यह आत्म धर्म के साथ जीवन निर्माण का मार्ग है। जिसे प्रत्येक व्यक्ति अथवा समूह को अपनाना चाहिए। आपके परिवार द्वारा चलाई जा रही CSR प्रवृत्तियों से सबको शिक्षा एवं अच्छा सामाजिक जीवन जीने की विचारधारा को सुन्दर अवसर प्रदान किया जा रहा है। खुद अरुणाजी चोरड़िया उसके विस्तार में सेवारत हैं। समाज में धार्मिक शिक्षा एवं जाग्रति के प्रचार में आपकी विशेष रुचि है।
अरुणाजी चोरड़िया ने यह कविता संग्रह अपने गुरुजनों को समर्पित किया है, जिनसे उनको हमेशा अपने अंतर् की रोशनी हेतु मार्गदर्शन एवं प्रेरणा मिलती रही है। आपकी आध्यात्मिक रचनाएँ जैन पत्रिका में गत दो वर्षों से प्रकाशित होती रही हैं। आपकी कविताओं में आपका स्व चिंतन और आपके विचारों की झलक दिखार्इ देती है। गुरुजनों की शिक्षा एवं विचारों को आशीर्वाद मानकर अपने जीवन में उतारने का आपका मनोभाव है ।
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