वक्त के पहिए पर सवार ज़िन्दगी जिन रास्तों से गुज़रती है वह हर पल एक कहानी से जुड़ते चले जाते हैं अनुभवों की किताब में, जिन्हें पलट कर फिर से पढ़ना, सुनाना या जीना हमेशा अच्छा लगता है। आइने में रोज़ देखने के बाद भी अपने चेहरे पर उभरते बदलाव कहां दिखाई पड़ते हैं। ये तो भला हो एलबम में टंकी तस्वीरों का जो चीख-चीख कर बता देतींहैं कि उम्र चहरे पर कितनी नई लकीरें खीच कर चली गई है। बालों में चांदी भर गई है और समय के ताप में तपा कर समझ को कुं दन कर गई है। बचपन में गिरने य