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Tukband - Jazbat / तुकबंद - जज़्बात An Emotional Roller Coaster

Author Name: Gaurab Verma | Format: Hardcover | Genre : Poetry | Other Details

यह पुस्तक एक पिटारा है जीवन और समाज के विभिन्न घटनाओं से प्रेरित जज़्बातों की तुकबंदी का। यह पुस्तक आपको आपसे मिलवाएगी। यह पुस्तक कभी आपको गुदगुदाएगी तो कभी रुलाएगी। कभी थोड़ा गुस्सा दिलाएगी तो कभी थोड़ा अफ़सोस करवाएगी। यह कभी आपको बीते दिनों में ले कर जाएगी तो कभी भविष्य की राह दिखाएगी। यह पुस्तक एक बायोस्कोप भी है और मेटावर्स भी। और जज़्बातों के इस सफ़र में आप मुसाफ़िर भी होंगे और हमसफ़र भी।

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गौरव वर्मा

लेखक पेशे से एक बैंकर हैं। क्यों हैं? ये मत पूछिये, लंबी कहानी है, तो फिर कभी। लेखक इंसानों की उस विलुप्त प्रजाति से हैं जिसे "संवेदनशील" या "जज़्बाती" कहते हैं। जज़्बातों की आमद जब बढ़ जाती है तो महाशय उन्हें अपनी तुकबंदी की गुल्लक में सँजो लेते हैं। यूँ तो लिखने का कीड़ा बचपन से है, किन्तु यह उनकी प्रथम प्रकाशित पुस्तक है। या फिर यूँ कहा जाए कि, इस पुस्तक के माध्यम से अपनी तुकबंदी की गुल्लक को उन्होंने पहली दफ़ा तोड़ा है ताकि जज़्बातों की अपनी इस जमापूँजी को आप सब के साथ बाँट सकें।

लेखक का कवि हृदय स्वभाव से "विद्रोही" है। भगत सिंह को अपना आदर्श मानते हैं और उन्हीं की तरह "तर्करोग" से ग्रसित हैं। किसी भी प्रकार के कुतर्क से इन्हें बदहज़मी हो जाती है।लेखक जज़्बातों की तुकबंदी को अपनी संवेदनाओं की अभिव्यक्ति का माध्यम मानते हैं। जज़्बात के कई प्रकार हो सकते हैं। खुशी वाले, ग़म वाले, क्रोध वाले, आनंद वाले, आँसू वाले, हँसी वाले। 'तुकबंद जज़्बात' में पाठक जज़्बातों के अलग-अलग स्वाद को चखेंगे। सीधे शब्दों में कहें तो पाठकों पर घनघोर "इमोशनल अत्याचार" होगा।

उम्मीद है कि 'तुकबंद जज़्बात' का अगला संस्कारण भी जल्दी आएगा, क्योंकि न तो ये जज़्बात खत्म होने वाले हैं और ना ही ये महाशय अपनी तुकबंदी से बाज़ आने वाले हैं।

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