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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palभारतीय संस्कृति में स्त्रियों को प्रतिष्ठित स्थान प्राप्त था। उसे देवी, माता, बहन, सहधर्मिणी, अर्द्धांगिनी, सहचरी माना जाता था। चाहे वो ऋग वेद की विषफला हो या फिर महारानी कैकयीया फिर यशवती हो या फिर प्रभावती हो या फिर रुद्रम्मा देवी या फिर त्रिभुवनना महादेवी या अहिल्याबाई होल्कर हो या फिर चेन्नम्मा या फिर मीरा, भारतीय संस्कृति में महिलाओं को समुचित स्थान मिलता रहा था और समय समय पर उन्होंने अपने पढ़े लिखे, ज्ञानी और सशक्त होने का परिचय दिया है। भारतीय महिलाओं के उसी गौरव पूर्ण इतिहास के बारे में बताने का प्रयास है। भारतीय समाज में फैलाये गए तथा कथित अबला नारी के आवरण को हटाकर नारियों के स्वाभिमान और आत्मसम्मान को जागृत करने के लिए इस किताब में 3100 ईसा पूर्व की कश्मीर की शासिका रानी यशोवती से शुरू होकर सन 1857 के संग्राम तक कि 52 वीरांगनाओं का तथा वर्तमान युग की वीरांगना नीरजा भनोट तक की भी शौर्य गाथा को कथा रूप में सम्मलित कर हर युग की वीरांगनाओं को स्थान देने का प्रयास किया गया है। इसमें भारत के सभी राज्यों की वीरांगनाओं को भी सम्मलित किया गया है। इनमे से ज्यादातर वीरांगनाएं ऐसी हैं जिनके बारे में केवल स्थानिक लोगों को लोकगीतों अथवा उनके द्वारा स्थापित संस्थाओं अथवा उनके स्थानिक स्मारकों, मंदिरों के जरिये ही पता है। उनके समाजिक योगदान को एक राष्ट्रीय पहचान दिलाने का एक प्रयास है।
योगेश श. पाण्डेय
योगेश पाण्डेय जी ने मैकेनिकल में इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की तथा आप भारत सरकार से मान्यता प्राप्त एनर्जी ऑडिटर हैं। पेशे से वे एक ओद्योगिक सलाहकार हैं तथा देश विदेश के विभिन्न उद्योगों को पौराणिक व्यवसाय व्यवस्थापन (Pouranic Business Management ) एवं ऊर्जा संरक्षण के विषय सलाह देने का कार्य करते हैं। उनके द्वारा मद्यम एवं लागु उद्योगों में किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए 2007 में उन्हें सम्मानित किया गया। 2009 में भारतीय उद्योग संघ CII ने भी उनके लघु एवं माध्यम उद्योगों में किये गए योगदान को मान्यता प्रदान की। आप भारत के अन्टार्कटिका में बने शोध केंद्र भारती के निर्माण में आपका जर्मनी की कंपनी के साथ तकनिकी सहयोग रहा। अब तक आपने विभिन्न विषयों पर राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय विषयों पर हिंदी तथा अंग्रेजी में स्वतंत्र आलेख प्रस्तुत कर चुके हैं तथा आपने अनेक संकलनो में अपना योगदान किया है। आपने अनेक किताबों का लेखन क्या है। आपके द्वारा लिखित वीरांगनाओं के जीवन संग्रह पर आधारित पुस्तक को विश्व रिकॉर्ड की मान्यता प्राप्त हुई है। यह एक मात्रा ऐसी पुस्तक है जिसमे भारतीय इतिहास की 3100 ईसा पूर्व से लेकर वर्तमान तक की प्रमुख वीर महिलाओं की जीवन के बारे में उल्लेख किया गया है। आप अपने साहित्यिक तथा व्यवसायिक कार्यों द्वारा भारतीय पुराणिक सांस्कृतिक ज्ञान को पुनर्स्थापित करने में निरंतर प्रयासरत रहते हैं।
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