You cannot edit this Postr after publishing. Are you sure you want to Publish?
Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
Discover and read thousands of books from independent authors across India
Visit the bookstore"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palविषय- सूची
भाग-1 : भारत के स्वतन्त्रता (सन् 1947 ई0) के पूर्व जन्में भूतपूर्व नेतृत्वकर्ता
01. महात्मा गाँधी (2 अक्टुबर, 1869 - 30 जनवरी, 1948)
02. सरदार वल्लभ भाई पटेल (31 अक्टुबर, 1875 - 15 दिसम्बर, 1950)
03. सर्वपल्ली राधाकृष्णनन् (5 सितम्बर, 1888 - 17 अप्रैल 1975)
04. पं0 जवाहर लाल नेहरु (14 नवम्बर, 1889 - 27 मई, 1964)
05. बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर (14 अप्रैल, 1891 - 6 दिसम्बर, 1956)
06. लोकनायक जय प्रकाश नारायण (11 अक्टुबर, 1902 - 8 अक्टुबर, 1979)
07. लाल बहादुर शास्त्री (2 अक्टुबर, 1904 - 11 जनवरी 1966)
08. राम मनोहर लोहिया (23 मार्च, 1910 - 12 अक्टुबर, 1967)
09. आर.वेंकटरामन (4 दिसम्बर, 1910 - 27 जनवरी, 2009)
10. पं0 दीन दयाल उपाध्याय (25 सितम्बर, 1916 - 11 फरवरी, 1968)
11. इन्दिरा गाँधी (19 नवम्बर, 1917 - 31 अक्टुबर, 1984)
12. शंकर दयाल शर्मा (19 अगस्त, 1918 - 26 दिसम्बर, 1999)
13. जान पाल, द्वितीय (18 मई, 1920 - 2 अप्रैल 2005)
14. के.आर.नारायणन (27 अक्टुबर, 1920 - 9 नवम्बर, 2005)
15. अशोक सिंघल ( 27 सितम्बर 1926 - 17 नवम्बर 2015)
16. चन्द्रशेखर (1 जुलाई, 1927 - 8 जुलाई, 2007)
17. रोमेश भण्डारी (29 मार्च, 1928 - 7 सितम्बर, 2013)
18. के. एस. सुदर्शन (18 जून, 1931 - 15 सितम्बर, 2012)
19. विश्वनाथ प्रताप सिंह (25 जून, 1931 - 27 नवम्बर, 2008)
20. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम (15 अक्टुबर, 1931 - 27 जुलाई 2015)
21. स्वामी शिवानन्द (माघ शुक्ल बसन्त पंचमी, सरस्वती जन्मोत्सव, 1932 ई0 में - )
22. राजीव गाँधी (20, अगस्त, 1944 - 21 मई, 1991)
भाग-2 : भारत के स्वतन्त्रता (सन् 1947 ई0) के बाद जन्में भूतपूर्व नेतृत्वकर्ता
01. राजीव दीक्षित (30 नवम्बर 1967 - 30 नवम्बर 2010)
लव कुश सिंह “विश्वमानव”
कल्कि महाअवतार के रूप में स्वयं को प्रकट करते श्री लव कुश सिंह “विश्वमानव” द्वारा प्रकटीकृत ज्ञान-कर्मज्ञान न तो किसी के मार्गदर्शन से है और न ही शैक्षिक विषय के रूप में उनका विषय रहा है। न तो वे किसी पद पर कभी सेवारत रहे, न ही किसी राजनीतिक-धार्मिक संस्था के सदस्य रहे। एक नागरिक का अपने विश्व-राष्ट्र के प्रति कत्र्तव्य के वे सर्वोच्च उदाहरण हैं। साथ ही राष्ट्रीय बौद्धिक क्षमता के प्रतीक हैं।
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.