হিন্দি

दिल बेचारा 2.0
By Aryan in Poetry | পড়ার জন্য : 1,455 | পছন্দ: 4
A tribute to Sushant Singh Rajput. A Fan's Perspective.  21 जनवरी 1986 का वो दिन, जब तुमने पहला रोना रोया था। दिल बेचारा हुआ था तब, पर खुशियों ने पापा की पल  বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Aug 9,2020 08:31 AM
मैं कौन से रंग की?
By vartika Chauhan in Poetry | পড়ার জন্য : 1,426 | পছন্দ: 0
हुं किन रंगों से भरी हुई, मैं किस रंग की परछाई हूं ? पीले सूरज की अग्नि हूं या श्वेतचंद्र की शीतलता ; क्या नील गगन की चा  বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Aug 10,2020 08:27 PM
परवरिश
By Dr Anupma Srivastava in True Story | পড়ার জন্য : 2,912 | পছন্দ: 0
"नहीं ये गलत है, हमे इसे लॉस्ट एंड फाउंड डिपार्टमेंट में जमा कर देना चाहिए।" डरते हुए नेहा ने स्वाती से कहा।  "तू पाग  বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Aug 11,2020 05:12 PM
SAYA
By Rishi RajpuT in Horror | পড়ার জন্য : 681 | পছন্দ: 1
                            Written By                     &  বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Aug 13,2020 12:38 AM
जनहित में ‌‌ राष्ट्रवाद
By ram kumar in Poetry | পড়ার জন্য : 547 | পছন্দ: 1
 चेहरे पे पड़ी झुर्रियां आंखों में भरी निराशा है है क्रान्ति का प्रतिक   संग्राम घोष की आश है ! खड्ग लिय प्रकाश अय  বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Aug 13,2020 10:37 PM
माँ भारती जय भारती .- कविता
By DR. RAJESHWAR UNIYAL in Poetry | পড়ার জন্য : 1,358 | পছন্দ: 1
माँ भारती जय भारती .. बंधुओ, मैं अपने माँ भारती जय भारती.. नामक एक गीत रुपी पुष्प, जिसे उत्तराखंड मूल के मुंबईवासी लोक  বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Aug 14,2020 11:37 PM
एक आह्वान
By PANWAR VISHAL in Poetry | পড়ার জন্য : 324 | পছন্দ: 0
एक आह्वान मैं कोई शोक गीत, गज़ल , मोहब्बत नहीं लिखता हूं आज हिंदुस्तान के नाम एक आह्वान लिखता हूं । हो गई है धुंधली जि  বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Aug 15,2020 01:37 AM
इंसाफ
By ramashery in Mystery | পড়ার জন্য : 802 | পছন্দ: 0
एक बार एक किसान किसी काम से शहर जा रहा था शहर का रास्ता एक जंगल से होकर गुजरता था  जैसे ही किसान जंगल में पहुंचा उसन  বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Aug 15,2020 11:11 PM
दोस्तों का हमसफ़र
By adarsh pandey in True Story | পড়ার জন্য : 498 | পছন্দ: 1
सभी इंसान हैं मगर  फ़र्क सिर्फ़ इतना है.. कुछ ज़ख्म देते हैं और  कुछ ज़ख्म भरते हैं  हमसफ़र सभी है मगर  फ़र्क सि  বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Aug 17,2020 11:07 AM
कहानी हर एक घर की
By adarsh pandey in True Story | পড়ার জন্য : 522 | পছন্দ: 1
                              कहानी हर एक घर की                                  लेखक-आदर्श प  বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Aug 17,2020 11:28 AM
कल से आज
By adarsh pandey in Poetry | পড়ার জন্য : 771 | পছন্দ: 1
  कल आज से बेहतर होगातू जरा कोशिस तो कर।असफलता को सफलता में,बदलने की कोशिश तो कर ।।  कष्ट के दिन बीतेंगे,  तू ज़रा   বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Aug 18,2020 09:54 AM
कविता-दौलत की ख्वाहिशें
By adarsh pandey in Poetry | পড়ার জন্য : 375 | পছন্দ: 1
कुछ की दौलतें इश्क़ के नाम हो जाती हैं। कुछ की दौलतें बदनाम हो जाती हैं।। कुछ की ख्वाहिशें बदनाम हो जाती हैं। कुछ की   বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Aug 18,2020 10:02 AM
कविता-तारीख़
By adarsh pandey in Poetry | পড়ার জন্য : 1,131 | পছন্দ: 1
तुम वो तारीख़ हो जो कभी बदलती नहीं, मैं वो लहर हूं,जो कहीं पर ठहरती नहीं, एक डर है तुम्हें पाकर फिर खो न दूं, तुम बनके   বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Aug 18,2020 11:13 AM
उदघोषणा
By Mridula Singh in Poetry | পড়ার জন্য : 1,841 | পছন্দ: 0
शीर्षक : उदघोषणा आज मैंने सुनी अपनी आत्मा की बात, हृदय की पुकार को किया आत्मसात। रोम रोम से आयी एक उदघोषणा, तू स्वतंत  বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Aug 18,2020 12:45 PM
My country My Pride
By Yachika Prajapati in Poetry | পড়ার জন্য : 939 | পছন্দ: 0
मैने इस देश की मिट्टी से बहुत प्यार किया हैं...  माँ की तरह किया आदर और सम्मान दिया हैं...  जो बहा हैं लहू देश की रक्ष  বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Aug 18,2020 02:03 PM