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बचपन और अब
By Aryan in Poetry | कुल पढ़ा गया: 525 | कुल पसंद किया गया: 8
बचपन की वो याद निराली, बाबा के हाथों में चाय की प्याली। दादी गाती प्यारी सी लोरी, फुआ मामा संग वो हँसी ठिठोली।   पाप  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Aug 3,2020 08:19 AM
दिल बेचारा 2.0
By Aryan in Poetry | कुल पढ़ा गया: 816 | कुल पसंद किया गया: 4
A tribute to Sushant Singh Rajput. A Fan's Perspective.  21 जनवरी 1986 का वो दिन, जब तुमने पहला रोना रोया था। दिल बेचारा हुआ था तब, पर खुशियों ने पापा की पल  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Aug 9,2020 08:31 AM
मैं कौन से रंग की?
By vartika Chauhan in Poetry | कुल पढ़ा गया: 664 | कुल पसंद किया गया: 0
हुं किन रंगों से भरी हुई, मैं किस रंग की परछाई हूं ? पीले सूरज की अग्नि हूं या श्वेतचंद्र की शीतलता ; क्या नील गगन की चा  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Aug 10,2020 08:27 PM
परवरिश
By Dr Anupma Srivastava in True Story | कुल पढ़ा गया: 1,237 | कुल पसंद किया गया: 0
"नहीं ये गलत है, हमे इसे लॉस्ट एंड फाउंड डिपार्टमेंट में जमा कर देना चाहिए।" डरते हुए नेहा ने स्वाती से कहा।  "तू पाग  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Aug 11,2020 05:12 PM
SAYA
By Rishi RajpuT in Horror | कुल पढ़ा गया: 450 | कुल पसंद किया गया: 1
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इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Aug 13,2020 12:38 AM
जनहित में ‌‌ राष्ट्रवाद
By ram kumar in Poetry | कुल पढ़ा गया: 421 | कुल पसंद किया गया: 1
 चेहरे पे पड़ी झुर्रियां आंखों में भरी निराशा है है क्रान्ति का प्रतिक   संग्राम घोष की आश है ! खड्ग लिय प्रकाश अय  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Aug 13,2020 10:37 PM
माँ भारती जय भारती .- कविता
By DR. RAJESHWAR UNIYAL in Poetry | कुल पढ़ा गया: 570 | कुल पसंद किया गया: 1
माँ भारती जय भारती .. बंधुओ, मैं अपने माँ भारती जय भारती.. नामक एक गीत रुपी पुष्प, जिसे उत्तराखंड मूल के मुंबईवासी लोक  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Aug 14,2020 11:37 PM
एक आह्वान
By PANWAR VISHAL in Poetry | कुल पढ़ा गया: 221 | कुल पसंद किया गया: 0
एक आह्वान मैं कोई शोक गीत, गज़ल , मोहब्बत नहीं लिखता हूं आज हिंदुस्तान के नाम एक आह्वान लिखता हूं । हो गई है धुंधली जि  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Aug 15,2020 01:37 AM
इंसाफ
By ramashery in Mystery | कुल पढ़ा गया: 399 | कुल पसंद किया गया: 0
एक बार एक किसान किसी काम से शहर जा रहा था शहर का रास्ता एक जंगल से होकर गुजरता था  जैसे ही किसान जंगल में पहुंचा उसन  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Aug 15,2020 11:11 PM
दोस्तों का हमसफ़र
By adarsh pandey in True Story | कुल पढ़ा गया: 365 | कुल पसंद किया गया: 1
सभी इंसान हैं मगर  फ़र्क सिर्फ़ इतना है.. कुछ ज़ख्म देते हैं और  कुछ ज़ख्म भरते हैं  हमसफ़र सभी है मगर  फ़र्क सि  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Aug 17,2020 11:07 AM
कहानी हर एक घर की
By adarsh pandey in True Story | कुल पढ़ा गया: 436 | कुल पसंद किया गया: 1
                              कहानी हर एक घर की                                  लेखक-आदर्श प  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Aug 17,2020 11:28 AM
कल से आज
By adarsh pandey in Poetry | कुल पढ़ा गया: 391 | कुल पसंद किया गया: 1
  कल आज से बेहतर होगातू जरा कोशिस तो कर।असफलता को सफलता में,बदलने की कोशिश तो कर ।।  कष्ट के दिन बीतेंगे,  तू ज़रा   ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Aug 18,2020 09:54 AM
कविता-दौलत की ख्वाहिशें
By adarsh pandey in Poetry | कुल पढ़ा गया: 280 | कुल पसंद किया गया: 1
कुछ की दौलतें इश्क़ के नाम हो जाती हैं। कुछ की दौलतें बदनाम हो जाती हैं।। कुछ की ख्वाहिशें बदनाम हो जाती हैं। कुछ की   ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Aug 18,2020 10:02 AM
कविता-तारीख़
By adarsh pandey in Poetry | कुल पढ़ा गया: 512 | कुल पसंद किया गया: 1
तुम वो तारीख़ हो जो कभी बदलती नहीं, मैं वो लहर हूं,जो कहीं पर ठहरती नहीं, एक डर है तुम्हें पाकर फिर खो न दूं, तुम बनके   ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Aug 18,2020 11:13 AM
उदघोषणा
By Mridula Singh in Poetry | कुल पढ़ा गया: 1,122 | कुल पसंद किया गया: 0
शीर्षक : उदघोषणा आज मैंने सुनी अपनी आत्मा की बात, हृदय की पुकार को किया आत्मसात। रोम रोम से आयी एक उदघोषणा, तू स्वतंत  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Aug 18,2020 12:45 PM