Hindi

बचपन और अब
By Aryan in Poetry | वाचलं गेलेलं: 529 | लाइक: 8
बचपन की वो याद निराली, बाबा के हाथों में चाय की प्याली। दादी गाती प्यारी सी लोरी, फुआ मामा संग वो हँसी ठिठोली।   पाप  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Aug 3,2020 08:19 AM
दिल बेचारा 2.0
By Aryan in Poetry | वाचलं गेलेलं: 830 | लाइक: 4
A tribute to Sushant Singh Rajput. A Fan's Perspective.  21 जनवरी 1986 का वो दिन, जब तुमने पहला रोना रोया था। दिल बेचारा हुआ था तब, पर खुशियों ने पापा की पल  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Aug 9,2020 08:31 AM
मैं कौन से रंग की?
By vartika Chauhan in Poetry | वाचलं गेलेलं: 677 | लाइक: 0
हुं किन रंगों से भरी हुई, मैं किस रंग की परछाई हूं ? पीले सूरज की अग्नि हूं या श्वेतचंद्र की शीतलता ; क्या नील गगन की चा  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Aug 10,2020 08:27 PM
परवरिश
By Dr Anupma Srivastava in True Story | वाचलं गेलेलं: 1,265 | लाइक: 0
"नहीं ये गलत है, हमे इसे लॉस्ट एंड फाउंड डिपार्टमेंट में जमा कर देना चाहिए।" डरते हुए नेहा ने स्वाती से कहा।  "तू पाग  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Aug 11,2020 05:12 PM
SAYA
By Rishi RajpuT in Horror | वाचलं गेलेलं: 451 | लाइक: 1
                            Written By                     &  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Aug 13,2020 12:38 AM
जनहित में ‌‌ राष्ट्रवाद
By ram kumar in Poetry | वाचलं गेलेलं: 422 | लाइक: 1
 चेहरे पे पड़ी झुर्रियां आंखों में भरी निराशा है है क्रान्ति का प्रतिक   संग्राम घोष की आश है ! खड्ग लिय प्रकाश अय  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Aug 13,2020 10:37 PM
माँ भारती जय भारती .- कविता
By DR. RAJESHWAR UNIYAL in Poetry | वाचलं गेलेलं: 595 | लाइक: 1
माँ भारती जय भारती .. बंधुओ, मैं अपने माँ भारती जय भारती.. नामक एक गीत रुपी पुष्प, जिसे उत्तराखंड मूल के मुंबईवासी लोक  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Aug 14,2020 11:37 PM
एक आह्वान
By PANWAR VISHAL in Poetry | वाचलं गेलेलं: 222 | लाइक: 0
एक आह्वान मैं कोई शोक गीत, गज़ल , मोहब्बत नहीं लिखता हूं आज हिंदुस्तान के नाम एक आह्वान लिखता हूं । हो गई है धुंधली जि  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Aug 15,2020 01:37 AM
इंसाफ
By ramashery in Mystery | वाचलं गेलेलं: 406 | लाइक: 0
एक बार एक किसान किसी काम से शहर जा रहा था शहर का रास्ता एक जंगल से होकर गुजरता था  जैसे ही किसान जंगल में पहुंचा उसन  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Aug 15,2020 11:11 PM
दोस्तों का हमसफ़र
By adarsh pandey in True Story | वाचलं गेलेलं: 369 | लाइक: 1
सभी इंसान हैं मगर  फ़र्क सिर्फ़ इतना है.. कुछ ज़ख्म देते हैं और  कुछ ज़ख्म भरते हैं  हमसफ़र सभी है मगर  फ़र्क सि  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Aug 17,2020 11:07 AM
कहानी हर एक घर की
By adarsh pandey in True Story | वाचलं गेलेलं: 442 | लाइक: 1
                              कहानी हर एक घर की                                  लेखक-आदर्श प  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Aug 17,2020 11:28 AM
कल से आज
By adarsh pandey in Poetry | वाचलं गेलेलं: 399 | लाइक: 1
  कल आज से बेहतर होगातू जरा कोशिस तो कर।असफलता को सफलता में,बदलने की कोशिश तो कर ।।  कष्ट के दिन बीतेंगे,  तू ज़रा   आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Aug 18,2020 09:54 AM
कविता-दौलत की ख्वाहिशें
By adarsh pandey in Poetry | वाचलं गेलेलं: 280 | लाइक: 1
कुछ की दौलतें इश्क़ के नाम हो जाती हैं। कुछ की दौलतें बदनाम हो जाती हैं।। कुछ की ख्वाहिशें बदनाम हो जाती हैं। कुछ की   आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Aug 18,2020 10:02 AM
कविता-तारीख़
By adarsh pandey in Poetry | वाचलं गेलेलं: 524 | लाइक: 1
तुम वो तारीख़ हो जो कभी बदलती नहीं, मैं वो लहर हूं,जो कहीं पर ठहरती नहीं, एक डर है तुम्हें पाकर फिर खो न दूं, तुम बनके   आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Aug 18,2020 11:13 AM
उदघोषणा
By Mridula Singh in Poetry | वाचलं गेलेलं: 1,129 | लाइक: 0
शीर्षक : उदघोषणा आज मैंने सुनी अपनी आत्मा की बात, हृदय की पुकार को किया आत्मसात। रोम रोम से आयी एक उदघोषणा, तू स्वतंत  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Aug 18,2020 12:45 PM