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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palहमें मिला हुआ अमूल्य मनुष्य जन्म, कितना महत्वपूर्ण है यह बहुत कम लोग ही समझ पाते हैं | हमारी भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म ज्ञान बहुत अधिक गहन एवं परिपोषित है, मगर यह हमारा दुर्भाग्य है कि आज बहुत कम लोग इस बात को समझ रहे हैं या समझने की कोशिश कर रहे हैं | कुछ लोग मैं सनातनी हूँ, मैं हिन्दू हूँ बोल कर अपने हिन्दू होने का गर्व तो दिखाते हैं मगर सनातन धर्म का मूल क्या है, धर्म क्या है, ज्ञान क्या है, आचरण क्या है इन सबके बारे में जानने की कोशिश ही नही करते हैं या कह सकते हैं हमारे आज के पाठ्य पद्धति में ऐसी सुविधा नही है|
बचपन से ही मैंने अपने घर पर गौ माता को देखा है, हमारे घर पहला रोटी गौ माता को ही दिया जाता है। पढ़ाई के दौरान कई बार मैंने गौ माता से जुड़ी कई बातों को तथा उसके वैज्ञानिक कारण क्या है, उन बिंदुओं को भी मैंने नोट किया था। जब मुझे गौ माता पर विश्व रिकॉर्ड बनाने का अवसर मिला तो उस अवसर पर मैंने सोचा कि क्यों ना उन सभी बिंदुओं को एक साथ सरल एवं सहज भाषा में लिखकर एक पुस्तक रूपांतरण किया जाए ताकि जन-जन तक गौ माता के महत्व को बताया जा सके।
(संक्षेप में गाय का महत्व)
सुश्री नेहा सिंह एक गिनीज़ रिकॉर्ड धारी हैं और भारत की आध्यात्मिक राजधानी वाराणसी की एक बहुत ही प्रतिभाशाली कलाकार हैं| आपका जन्म महर्षियों की तपोस्थली बलिया उत्तर प्रदेश में हुआ है तथा माता जी गृहणी व पिता जी भारतीय सेना में कार्यरत हैं | आप काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान केंद्र की छात्रा हैं| आपने वाराणसी के महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ से ललित कला में स्नातकोत्तर करने के बाद भारतीय वैदिक ग्रन्थों, 'भगवद्गीता' तथा 'राम' आदि विषयों में अत्यंत रूचि होने के कारण काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान केंद्र से एक मेधावी छात्रा के रूप में अपना अध्ययन कर रही हैं ।
आपका नाम दो बार गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में एवं अन्य तीन बार अलग अलग विश्व रिकॉर्ड में भी दर्ज है। 2020 में खनिज रंगों से भगवद्गीता पर आधारित “मोक्ष का पेड़” नामक बहुत बड़ा पेंटिंग बनाकर बलिया के इतिहास में पहली बार गिनीज़ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराकर राज्य एवं देश का नाम रोशन किया गया था| 2021 में “गो माता” को समर्पित सबसे लम्बा फिंगरप्रिंट पेंटिंग बनाकर दूसरी बार अपना नाम गिनीज़ बुक में दर्ज कराकर 105 साल के इतिहास में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में अध्यनरत एवं उसी प्रांगण में गिनीज़ रिकॉर्ड बनाने वाली पहली छात्रा बनी|
इससे पहले सोलह लाख मोतियों से एक विशाल "भारत का नक्शा’’ बनाकर पहली बार 'वर्ल्ड रिकॉर्ड्स इंडिया' में अपना नाम दर्ज किया, फिर 449 फ़ीट कपड़े पर 38417 अँगुलियों के निशान से पूरा ‘’हनुमान चालीसा’’ लिखकर 'यूरेशिया वर्ल्ड रिकॉर्ड' में अपना दूसरा रिकॉर्ड दर्ज किया, इसके आलावा दुनिया का पहला चित्रकला युक्त "दशोपनिषद" का डिजिटल प्रिंटेड एल्बम बनाया जो 'इंडियन बुक ऑफ़ रिकार्ड्स' में दर्ज हुआ|
आप एक चित्रकार के साथ साथ एक कुशल प्राणिक हीलर, लेखिका, कवियत्री, गायिका स्वच्छंद (स्वतंत्र) समाज सेविका, कला चिकित्सक, टैरो कार्ड रीडर आदि बहुगुणी प्रतिभा की भी धनी हैं |
आपको इंटरनेशनल बिज़नेस एसोसिएशन, नई दिल्ली द्वारा 'भारत गौरव रत्न' सम्मान प्राप्त है । उत्तर प्रदेश में दैनिक जागरण एवं कई अलग अलग संस्थाओं द्वारा यू० पी० गौरव सम्मान, नारी शक्ति सम्मान, काशी शक्ति सम्मान, सशक्त नारी भारत सम्मान, यू०पी० गौरव अलंकरण, हनुमत कृपा भूषण सम्मान आदि अनेकों सम्मान से सम्मानित किया गया है |
आप भारतीय मानवाधिकार एसोसिएशन महिला संरक्षण के बलिया की जिलाध्यक्ष हैं एवं अन्तराष्ट्रीय आयुष एसोसिएशन के सदस्य भी हैं|
आप इस अमृत-धेनु किताब के अलावा 'राम नाम शास्त्र है', 'जीवन दर्शन गीता', '151 उपनिषद् का सारांश, 'वैदिक विज्ञान – सरल एवं संक्षिप्त परिचय’, 'पंचतत्व एवं महावाक्य, ‘आत्म गीतिका’, ‘दशोपनिषद्’ आदि पुस्तकों की भी लेखिका हैं ।<
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