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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palप्रत्येक बच्चे में एक प्रतिभावान छुपा है, उसे बस जगाने का इंतजार है, अपने बच्चे की प्रतिभा को सक्रिय करने और उसे आगे बढ़ाने की कुंजी आपके हाथ में ही है, यह पुस्तक आपके बच्चे को आने वाले कल के लिए शैक्षणिक रूप से सक्षम, भावनात्मक रूप से आत्मविश्वासी एवं सामाजिक रूप से उत्तरदाई नागरिक बनाता है.
यह पुस्तक भारतीय बच्चों को आगे ले जाने वाली एक नवीन परियोजना के द्वारा अत्यंत गुणात्मक एवं रचना पर आधारित अवधारणा को लेकर आता है. आज के इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में अपने लिए वक्त निकालना मुश्किल सा हो गया है, ऐसे में परिवार के लिए वक्त निकालना मानो लोगों के लिए असंभव सा हो गया है, परंतु हमारा यह प्रयास है कि हम एक बिखरे हुए परिवार को एक आदर्श परिवार में बदल सकें और मैं जानता हूं कि आप भी यही चाहते है, तो चलिए एक प्रयास करते हैं.
प्रवीण सिंह
मेरा नाम प्रवीण कुमार है, मैंने अपनी उच्चतर शिक्षा विज्ञान विषय से उत्तीर्ण कर कई निजी कंपनीयों में एक अच्छे पद को सम्हालते हुए कार्य किया है। वर्त्तमान समय में भी कई एक कंपनी में कार्यरत हूँ। चूँकि मेरी रूचि अभिलेखन में हमेशा से रही है,और अपने आस पास घटित हो रहे व्यावहारिक तौर तरीके को अपनी लेखनी द्वारा जामा पहनना मेरी रूचि में शुमार है। सर्वप्रथम मै उन सभी पाठको को सादर प्रणाम करता हूँ जिन्होंने मेरी पहली पुस्तक " व्यावहारिक कौशलताओं के आधार पर परवरिश का परम अभ्यास" को बहुत पसंद किया, और मुझे फिर से परवरिश के ऊपर एक और पुस्तक लिखने को प्रेरित किया। इस पुस्क्तक में मैंने फिर एक बार माता-पिता को कई ऐसे तरीके बताने का प्रयत्न किया है जिससे वे अपने बच्चो को एक सही दिशा में अपनी लक्ष्य की ओर अग्रसर कर सकते है। हालांकि इस पुस्तक पर मैंने किशोरावस्था के चल रहे बच्चो के व्यवहार पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करने की कोशिश की है, क्योकि की किशोरावस्था ही वह पड़ाव है जहाँ बच्चे हर कार्य अपनी स्वतंत्रता से करना चाहते है, वो भी बिना उस अनजाने समस्या को जाने जो उनकी स्वतंत्रता में अक्सर दस्तक देती है. इस पुस्तक से मेरी कोशिश है कि माँ-बाप बच्चो को दी जाने वाली स्वतंत्रता के स्तर को समझ सके और इसका दायरा भी निर्धारित कर बच्चो को अच्छी परवरिश दे सके।
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