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Main Chandni Dhoondhta Hoon / मैं चांदनी ढूंढता हूं Kavitha Sanghar

Author Name: Shishir Madhukar | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

जिंदगी चल रही थी, चल रही है और चलती रहेगी। समस्याएं कल भी थीं, आज भी हैं और कल भी रहेंगी। भावनात्मक कशमकश कल भी थी, आज भी है और कल भी रहेगी। जब तक ये कशमकश रहेगी विभिन्न स्रोतों से अमृत धाराएं फूटती रहेंगी। "मैं चांदनी ढूंढता हूं", रिश्तों के भावनात्मक पहलुओं, प्रेम, घृणा, आशा और निराशा से परिपूर्ण गजलनुमा हिंदी कविताओं का एक संकलन है, जिसमें समान भावों की प्रचुरता होने के बावजूद खूबसूरत  मनकों से बनी एक विशेष माला अपने पास होने का पाठकों को सुखद एहसास होगा।

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शिशिर मधुकर

शिशिर मधुकर (पूरा नाम : डा० शिशिर कुमार गोयल) का जन्म उत्तर प्रदेश के हापुड़ में हुआ। मेरठ विश्वविद्यालय से भौतिक शास्त्र में परास्नातक करने के उपरान्त आपने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से इसी विषय में  पी ० एच ० डी ० की उपाधि प्राप्त की।  विगत लगभग तेईस वर्षों  से आप एक वैज्ञानिक अधिकारी के रूप में भारत सरकार की प्रौद्योगिकी सूचना, पूर्वानुमान एवं मूल्यांकन परिषद् , नई दिल्ली में कार्यरत हैं।  नोशन प्रेस, चेन्नई ने विगत में इनके छः कविता संग्रहों,  "यादों के नासूर”, "रूह के एहसास", “निशानियां”, “तड़प”, “बेचैनियां” और “कैसे कहूं बता?”  का सफलता पूर्वक प्रकाशन किया है जो इस प्रेस के बुक स्टोर के अलावा अन्य ई कॉमर्स साइटों पर भी आसानी से उपलब्ध हैं ।

हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी भाषा में भी कवितायें लिखने में भी आपकी गहरी रूचि है व वर्चुअल स्पेस में आपकी रचनाओं को आसानी से पढ़ा जा सकता है। 

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