Unwanted Mystery

By arun raj in Mystery
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कहते हैं की वक़्त कब मेहरबान हो जाए कोई समझ नहीं पता ,बात उन दिनों की है जब रमेश अपने कॉलेज से छुट्टी लेकर दोस्तों के रीयूनियन में शामिल हुआ था ,बता दे की रमेश गीत भति में प्रोफेसर हैं और जब पुराने यार मिलते हैं तो अतीत की उन बातो पर हसी आ जाती है जो उन दिनों गंभीर बी हुआ करती थी और धीरे धीरे सब रमेश जी पर हँसी करने लगे और पूछने लगे की आपके दो बीवी का राज़ बातो तो वो आप बीती सुनते हैं की उन दिनों की बात है जब मेरे दिमाग में कुछ करने का भूत सवार रहता था और मई रिसर्च को सबकुछ मानता था और इसी रिसर्च के दीवानगी में मुझे एक ऐसी परिष्तीत्ती से सामना हुआ जो एकदम अद्वितीय थी यानि अनोखी ,एक दिन जब मई रिसर्च करते करते बोर हो गया तो चाय पोइने की सूझी और मई बाइक ले कर चल दिया और फिर मई कुछ ऐसा देखता हु किणी मई खुद को भूल गया और आगे भढने लगा और तब तक बढ़ता गया जब तक वो ंमेरे को करीब महसूस होती रही और जैसे ही मई ने हाथ मिलाने की कोशिश की, वह गायब हो गई। दरअसल, बात उन दिनों की है जब मैं रात के बाद काम से बाहर आता था और मैंने देखा कि वहां एक खूबसूरत लड़की बैठी कुछ बात कर रही है। मैं उसकी बाइक चलाते हुए उसे घूरता रहा। मई के दौरान, मैं कस्तूरी की तलाश में जंगल से भागते हुए हिरण की तरह उसकी ओर आकर्षित हुआ, और मेरे दिमाग में हर तरह के अच्छे और बुरे विचार आने लगे। मई उससे बात करना चाहता था। मैंने कोशिश करना शुरू किया और धीरे-धीरे हम बात करने लगे। और फिर हम रोज एक ही समय पर मिलने लगे और धीरे-धीरे हमें उससे प्यार हो गया। मैं यह भी नहीं जान सका कि हम जिससे प्यार करते हैं वह एक राक्षसी आत्मा है। मुझे उसे शैतान कहना पसंद नहीं है क्योंकि उसे भी मुझसे उतना ही प्यार हो गया जितना मैंने किया, एक दिन हम दोनों बैठे थे और एक ईसाई आदमी बाहर आया और उसने बाइक की लाइट चालू की और फिर वह जप करने लगा। मेरी गर्लफ्रेंड को तकलीफ होने लगी तो दोस्तों उस शख्स ने उसे कैद कर लिया, छह साल बाद भी वो उसे अपना नहीं बना पाई और उसे भूलने में मुझे 4 साल लग गए और धीरे-धीरे हम अपनी जिंदगी में आगे बढ़ते गए।और हमने शादी कर ली और अपनी पत्नी के साथ उसी जगह बैठ गए जहाँ हम उसके साथ बैठे थे और संयोग से मैंने उस आदमी को फिर से देखा और उसने बत्ती बुझा दी, और वह अपने मन में सोच रहा था कि मैं एक पुलिस वाला हो सकता हूँ और वह चला गया,मुझे याद है की उसने एक बार मुझसे जिक्र किया था पास वाले कुँए के बारे में की जब वो जवान थी तब एक ईसाई युवक से प्रेम करने लगी थी क्युकी ईसाई युवक देखने में आकर्सक था ,धीरे धीरे हमारी मोहब्बत परवान चढ़ने लगी और एक दिन जब मैंने उस युवक को दुसरती यवती के साथ वो सब करते हुए देख लिया जो मई उसे नहीं करने देती थी , और इस तरह मेरे उससे रास्ता अलग हो गया और जब मैंने उससे पुछा फिर, तो वो बोली की वो युवक तंत्र विद्या जनता था और उसने जाने क्या जादू किया की मई इस दुनिया में नहीं हु और उसने मेरी आत्मा को कैद कर लिया और उसने एक रास्ता भी दिया की मई कैसे वापस अपने शरीर में जा पाऊँगी ,वो मुझसे ज्यादा कुछ कह पाती की उसको कैद कर लिया और फिर ये साडी बाते मैंने अपनी पत्नी को बता दी फिर हम लोगो ने सोचा उस अच्छी आत्मा की मदद करने को और फिर,मई उस बारे में रिसर्च करने लगा और मुझे यह पता चला की उस परेशानी का हल मिल ही गया कहते हैं न की जब भगवान् मदद करते हैं तो बुरा आदमी कुछ नहीं कर सकता ,और फिर पूर्णिमा की रात को भगवन की एक ऐसी लीला हुई की उस लड़की को अपना दिव्या शरीर मिल गया और उसने उस लड़के से शादी कर ली और वह खुश रहने लगा अपनी दोनों पत्नियों के साथ। भगवन इस संसार में हर बुरे व्यक्ति को सजा देता है भले ही देर में दे, इसलिए भगवान् पर भरोसा रखकर हर परेशानी को सफलता का अवसर मानकर हल करो सारे कष्ट प्रभु जी दूर करेंगे , बस यही कहानी रमेश जी की है जो की उस पल को करीब से महसूस किया ,शायद आज भी बुरे लोग अच्छे लोगो के जीवन में एंट्री करते हैं और अच्छे व्यक्ति के जीवन को बिगड़ने की कोशिश करते हैं अगर भगवान् पर भरोसा रख कर कोई काम करो तो उसका हल जरूर निकलता है

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