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Guftagoo Zindagi Se... / गुफ़्तगू ज़िन्दगी से... Shoki ke alfazon meh/शोकी के अल्फ़ाज़ों में

Author Name: Ashok Bharti | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

पुस्तक में कविता संग्रह से कुछ अंश प्रस्तुत हैं :-

 

अपने एकाकीपन को विकसित कर,

तेरे मन में खो जाना चाहता हूँ।

तुम पूर्ण हो, छुकर तुम को,

मैं सम्पूर्ण होना चाहता हूँ।

 

***********

 

जहां असमत ही लूट जाती हो,

ममता ही जब कुलधाती हो,

तब छुई-मुई की बेलों का,

क्या खिलना, क्या मुरझाना।

 

***************

 

मेरा भी मन उड़ता है जब,

बिना पंख के,

लगता है मैं भी,

समय से जुड़ा हुआ हूँ।

 

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अशोक भारती

गुफ़्तगू ज़िन्दगी से..........यह काव्य संग्रह मेरे दिवंगत भाई साहब अशोक भारती “शौक़ी” के जीवन के अतीत एवं वर्तमान के सम्बन्धों की व्यावहारिकता,प्रेम,एवं जज़्बातों को दर्शाता है। यह किताब ज़िन्दगी और मोहब्बत के प्रति भावनाओं को समर्पित है। उन्होंने अपने जज़्बातों के साथ उनका माहौल भी बताने की चेष्ठा की हैं, जो मेरे और आपके हालातों से बहुत भिन्न नहीं हैं। मेरे भाई द्वारा रचित यह काव्य संग्रह अगर चाहकों के दिल को छू जाए, तो समझो कोशिश सफल रही।

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