Share this book with your friends

Yeh Kaisa Pyaar Hai / यह कैसा प्‍यार है

Author Name: Dr. Umesh Puri Gyaneshwer | Format: Paperback | Genre : Young Adult Fiction | Other Details

यह उपन्‍यास 'यह कैसा प्‍यार है' एक सुन्‍दर लड़की और बदसूरत लड़के बादल की अनोखी प्रेम कहानी है। इस अनोखी प्रेम कहानी के लिए मैं क्‍या कहूं नायिका वसुन्‍धरा के शब्‍दों को ही यहां अंकित कर रहा हूं-'आज मुझे यह कटु अनुभव हुआ कि किसी को भी न तो अपने से अधिक सुन्दरता और न ही अधिक कुरूपता की ओर आकर्षित होना चाहिए। प्रत्येक सुन्दर व्यक्ति अपने से अधिक सुन्दरता की ओर आकर्षित होना चाहता है। मैंने सुन्‍दर व्‍यक्ति से विवाह किया और शायद ये मेरी सबसे बड़ी भूल थी। मैं जीवन में बहुत बड़ी भूल करके पछता रही हूँ। मेरा पति मेरे सौन्दर्य से विमुख होकर मुझसे अधिक सौन्दर्य की तलाश में भटक रहा है। इसी कारण वश मैंने उसे क्रोध में आकर त्याग दिया।'
वसुन्‍धरा ने अपने पति को क्‍यों त्‍याग दिया...?
क्‍या वह अपने पति से दोबारा मिली या नहीं...??
बदसूरत बादल का क्‍या हुआ, क्‍या उसे अपना प्‍यार मिला या नहीं...???
इन सब प्रश्‍नों के उत्‍तर जानने के लिए पढ़ें-एक अनोखी प्रेम कहानी 'यह कैसा प्‍यार है।'

Read More...
Paperback
Paperback 199

Inclusive of all taxes

Delivery

Item is available at

Enter pincode for exact delivery dates

डॉ. उमेश पुरी 'ज्ञानेश्वर'

नाम-डॉ. उमेश पुरी 'ज्ञानेश्वर'
जन्मतिथि-2 जुलाई 1957
शिक्षा-बी.-एस.सी.(बायो), एम.ए.(हिन्दी), पी.-एच.डी.(हिन्दी)
सम्प्रति-ज्योतिष निकेतन सन्देश(गूढ़ विद्याओं का गूढ़ार्थ बताने वाला हिन्दी मासिक) पत्रिका के सम्‍पादन व लेखन कार्य में 2004 से 2018 तक संलग्‍न रहे। सन्‌ 1977 से ज्योतिष सलाह एवं पुस्‍तक लेखन के कार्य में निरन्‍तर संलग्न हैं। 
अन्य विवरण पुरस्कार आदि -
- विभिन्न विषयों पर 77 पुस्तकें प्रकाशित एवं अन्य पुस्तकें प्रकाशकाधीन।
- 3 ईबुक्स ऑनलाईन स्मैश वर्डस पर प्रसारित।
- 26 ईबुक अमेजन किंडल डायरेक्‍ट पब्‍लिशिंग पर ऑनलाईन प्रसारित।
- 85 ईबुक गूगल प्‍ले बुक्‍स पर ऑनलाईन प्रसारित।
- राष्ट्रीय स्तर की पत्र-पत्रिकाओं में अनेक लेख, कहानियां एवं कविताएं प्रकाशित।
- युववाणी दिल्ली से स्वरचित प्रथम कहानी 'चिता की राख' प्रसारित।
- युग की अंगड़ाई हिन्दी साप्ताहिक में उप-सम्पादक का कार्य किया।
- क्रान्तिमन्यु हिन्दी मासिक में सम्पादन सहयोग का कार्य किया।
- भारत के सन्त और भक्त पुस्तक पर उ.प्र.हिन्दी संस्थान द्वारा 8000/- रू. का वर्ष 1995 का अनुशंसा पुरस्कार प्राप्त।
- रम्भा-ज्योति(हिन्दी मासिक) द्वारा कविता पर 'रम्भा श्री' उपाधि से अलंकृत।
- चतुर्थ अन्तर्राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन-1989 में ज्योतिष बृहस्पति उपाधि से अलंकृत।
- पंचम अन्तर्राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन-1991 में ज्योतिष भास्कर उपाधि से अलंकृत।
- फ्यूचर प्वाईन्ट द्वारा ज्योतिष मर्मज्ञ की उपाधि से अलंकृत।
- 'विवश्‍ता' कहानी संग्रह में कहानी 'आशीर्वाद' प्रकाशित।
- 'रिश्‍ता' लघुकथा संग्रह में पांच लघुकथाएं दिव्‍यांग, पैसा ही सबकुछ है, मोल, मोल-भाव व सहारा प्रकाशित।
- 'साधना' कहानी संग्रह में 'अनोखा मिलन' कहानी प्रकाशित।
- 'पिता' तांका संग्रह नोशन प्रेस से पेपरबैक में प्रकाशित।
- श्रीमद्भगवद्गीता हिन्‍दी तांका छन्‍द में भगवान् का गीत/अध्‍याय-एक-अर्जुन विषाद योग/भाग-एक नोशन प्रेस से पेपरबैक में प्रकाशित। 
- 'ऋग्वेद-वाणी' पुस्‍तक नोशन प्रेस से पेपरबैक में प्रकाशित।
- 'यजुर्वेद-वाणी' पुस्‍तक नोशन प्रेस से पेपरबैक में प्रकाशित।
- 'सामवेद-वाणी' पुस्‍तक नोशन प्रेस से पेपरबैक में प्रकाशित।
- 'अथर्ववेद-वाणी' पुस्‍तक नोशन प्रेस से पेपरबैक में प्रकाशित।
- श्रीमद्भगवद्गीता हिन्‍दी तांका छन्‍द में भगवान् का गीत/अध्‍याय-दो-सांख्‍य योग/भाग-दो नोशन प्रेस से पेपरबैक में प्रकाशित। 
मेरा कथन-'मेरा मानना है कि जीवन का हर पल कुछ कहता है जिसने उस पल को पकड़ कर सार्थक बना लिया उसी ने उसे जी लिया। जीवन की सार्थकता उसे जी लेने में है।'

Read More...

Achievements

+3 more
View All