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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palविमर्श कविताओं, उद्धरणों एवं आदर्श वाक्यों का समाकलन है। जिसमें व्यक्ति को जीवन में अनुभव होने वाली लगभग प्रत्येक भावना एवं विचारों को कविताओं एवं उद्धरणों के माध्यम से व्यक्त किया गया है। हमारे जीवन में घटित होने वाली विभिन्न परेशानियों एवं मन में उठ रहे सवालों का इसमें बेहतरीन जवाब देने की कोशिश की गयी है। जीवन का आध्यात्मिक विवेचन अति सुःखदायक होता है किंतु हम इससे सदैव वंचित ही रहते हैं। उसी आध्यात्मिक विवेचना को विमर्श के द्वारा प्रस्तुत किया गया है। जीवन की व्यस्तता से परे धैर्यपूर्ण अहसासों की यह गीतमाला हमारे चरित्र एवं व्यक्तित्व को और पारदर्शी बनाने वाली है। लेखक का उद्देश्य कविताओं के माध्यम से जनजागृति पैदा करना है। बेहद गंभीर मुद्दों पर लिखी गयी ये कविताऐं एवं वाक्यांश हमारे लिए प्रेरणा स्त्रोत का कार्य करें इसलिए सरल भाषाशैली को उपयुक्त मानकर रचनाऐं लिखी गयी हैं।
विकास कुमार शर्मा
‘विमर्श’ के लेखक विकास कुमार शर्मा साधारण परिवेश में जन्में व्यक्तित्व हैं। पेशे से कम्प्यूटर इंजीनियर हैं। जिन्होने राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय से कम्प्यूटर विज्ञान विषय में अपने स्नातक एवं सुरेश ज्ञान विहार विश्वविद्यालय, जयपुर से स्नातकोत्तर का अध्ययन पूर्ण किया है। प्रारंभिक समय में इन्होने इंजिनियरींग महाविद्यालय में अध्यापन का कार्य किया है। कम्प्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में विभिन्न शोधपत्रों को जर्मनी एवं अमेरिकी संस्थानों के साथ प्रकाशित करवा चुके हैं। लेखक विभिन्न मुद्दों पर अपने ब्लाॅग्स के माध्यम से विचारों का संचार- YKA. यूथ की आवाज प्लेटफार्म पर कर रहे हैं । जीवन प्रदत्त संघर्षाें को हमेशा सकारात्मक दृष्टिकोण से देखने और उनके समाधान ढूंढने के लिए इन्होंने लेखन को अपना पसंदीदा कार्य बनाया। इसके लिए इन्होने सन् 2015 से लिखना आरंभ किया। कनिकांश इनके द्वारा लिखित प्रथम कविता संग्रह है, जिसमे आपको इनके आध्यात्म एवं प्रकृति प्रेम के दर्शन होंगे। पूर्व में इनके द्वारा दो पुस्तकों का लेखन कार्य समपन्न किया गया है। वे दोनो पुस्तकें कम्प्यूटर क्षेत्र के छात्रों के अध्ययन के लिए लिखी गयी हैं। मैं यह पुस्तक मेरे पिता स्व. श्री महेश कुमार शर्मा एवं मेरी आदरणीया मां सावित्री शर्मा को समर्पित करता हूं। मेरे माता-पिता का मार्गदर्शन मेेरी प्रत्येक सफलता की नींव रहा है। इनके द्वारा दिए गए आदर्श एवं संस्कार सदैव मेरे लिए अमूल्य प्रेरणा का स्त्रोत रहे हैं।
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